J&K Election 2024 / अमित शाह का जम्मू में बड़ा बयान, कहा- 'जब तक शांति नहीं, पाकिस्तान से बातचीत नहीं'

देश के गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर दौरे पर हैं। उन्होंने पलौरा में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी चुनाव ऐतिहासिक है। जम्मू कश्मीर में पहली बार एक संविधान और तिरंगे के तहत मतदान होगा। शाह ने नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पर हमला किया।

Vikrant Shekhawat : Sep 07, 2024, 03:40 PM
J&K Election 2024: भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरे और गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पलौरा में एक रैली को संबोधित किया, जहां उन्होंने इस विशेष दिन की महत्ता पर प्रकाश डाला। गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर आयोजित इस चुनावी सम्मेलन को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक अद्वितीय संयोग है। गणेश चतुर्थी के दिन परम्परागत रूप से विघ्नहर्ता की पूजा की जाती है, जो हर विघ्न को समाप्त करने के लिए जाना जाता है। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को गणेश चतुर्थी और जैन भाइयों को पर्युषण पर्व की शुभकामनाएं दीं।

ऐतिहासिक चुनाव की ओर एक कदम

अमित शाह ने रैली के दौरान आगामी चुनाव को एक ऐतिहासिक घटना बताते हुए कहा कि यह पहली बार होगा जब जम्मू-कश्मीर का मतदाता केवल एक तिरंगे के नीचे मतदान करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब मतदाता केवल भारतीय संविधान के तहत मतदान करेंगे, जो कि डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा तैयार किया गया था। शाह ने जोर देकर कहा कि यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के लिए एक नया युग स्थापित करेगा।

नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पर तंज

शाह ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए आरोप लगाया कि ये दल जम्मू-कश्मीर में विभाजनकारी एजेंडों को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने घर-घर जाकर इन दलों के विभाजनकारी एजेंडों के खिलाफ लोगों को जागरूक किया है। शाह ने कहा कि अनुच्छेद-370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की माताओं-बहनों को जो अधिकार मिले हैं, उसे ये दल छीनना चाहते हैं।

उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस को चेतावनी दी कि यदि वे सत्ता में आए, तो आतंकवाद और पत्थरबाजी में लिप्त लोगों को फिर से जेल से बाहर लाने की कोशिश करेंगे। शाह ने सवाल उठाया कि क्या लोग आतंकवाद को फिर से जम्मू और अन्य शांत क्षेत्रों में लौटने देंगे?

ऑटोनॉमी का मुद्दा

शाह ने स्पष्ट किया कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस द्वारा ऑटोनॉमी की पेशकश एक झूठी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जिस ऑटोनॉमी के कारण जम्मू-कश्मीर में हिंसा और आतंकवाद फैला, वह अब एक बार फिर प्रस्तावित की जा रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस झूठे आश्वासन को न मानें।

राहुल गांधी और पाकिस्तान पर प्रतिक्रिया

अमित शाह ने राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया और कहा कि उनकी हर कोशिश के बावजूद, गुज्जर, बकरवाल, पहाड़ी और दलितों के आरक्षण पर आंच नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी संभव होगी जब जम्मू-कश्मीर में पूर्ण शांति स्थापित होगी।

राज्य का दर्जा बहाल करने की बात

शाह ने राहुल गांधी और नेशनल कांफ्रेंस द्वारा राज्य का दर्जा बहाल करने की बात को खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ही राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया को संचालित कर सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस को बेवकूफ बनाने की कोशिशें बंद करने की चेतावनी दी और कहा कि चुनाव के बाद उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का आश्वासन पहले ही दिया जा चुका है।

इस प्रकार, अमित शाह का जम्मू-कश्मीर दौरा और उनका संबोधन न केवल आगामी चुनाव की महत्वता को उजागर करता है, बल्कि राज्य के भविष्य की दिशा पर भी स्पष्ट संकेत देता है।