इंडिया / चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने को लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता ने कही यह बड़ी बात

नोबेल पुरस्कार विजेता सर्जे हरोशे ने बुधवार को कहा कि इसरो के वैज्ञानिक निश्चित ही भारत के पहले मून लैंडर की समस्या को दूर करने की कोशिश करेंगे। हरोशे के अनुसार विज्ञान हमें हैरान करता रहता है-कभी इसमें असफलता मिलती है तो कभी सफलता। हरोशे ने यहां आयोजित नोबेल प्राइज सीरीज इंडिया 2019 समारोह से इतर आईएएनएस से कहा, मैं नहीं जानता कि इसके के साथ क्या हुआ लेकिन वे निश्चित ही समस्या का समाधान करने की कोशिश करेंगे।

Live Hindustan : Sep 12, 2019, 07:14 AM
नोबेल पुरस्कार विजेता सर्जे हरोशे ने बुधवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के वैज्ञानिक निश्चित ही भारत के पहले मून लैंडर की समस्या को दूर करने की कोशिश करेंगे। हरोशे के अनुसार विज्ञान हमें हैरान करता रहता है-कभी इसमें असफलता मिलती है तो कभी सफलता।

हरोशे (75) ने यहां आयोजित 'नोबेल प्राइज सीरीज इंडिया 2019' समारोह से इतर आईएएनएस से कहा, “मैं नहीं जानता कि इसके (मून लैंडर विक्रम) के साथ क्या हुआ लेकिन वे निश्चित ही समस्या का समाधान करने की कोशिश करेंगे।”

भौतिकी के क्षेत्र में 2012 में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले आशावादी हरोशे ने कहा कि विज्ञान में असफलता मिलती रहती है। हरोशे ने कहा, “विज्ञान कुछ ऐसा है जहां आप अज्ञात में जाते हैं...आप हैरान होते हैं, कई बार सकारात्मक रूप से और कई बार नकारात्मक रूप से।”

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मून लैंडर के साथ वास्तव में क्या हुआ उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उपकरण ने अंतिम चरण तक काम किया था और फिर 'आपके सामने किसी तरह की असफलता आ जाती है।'

उन्होंने कहा कि समस्या यह थी कि इस अभियान से बहुत ज्यादा उम्मीद थी और मीडिया का ध्यान अत्यधिक रूप से इस अभियान की ओर था और जब-जब असफलता होती है तो बड़े पैमाने पर निराशा फैलती है और वही हुआ।

उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि जो लोग इस क्षेत्र में काम करते हैं उन्हें जानना चाहिए कि इसमें असफलता मिलती है। विज्ञान में क्योंकि बहुत सारा पैसा लगा रहता है, इसे अर्थ और राजनीति से लेना देना होता है और मैं इस मिश्रण को पसंद नहीं करता।”

उन्होंने कहा, “एक देश जो बेहतर निवेश कर सकता है उसे युवा दिमागों में निवेश करना चाहिए। यह भारत के लिए महत्वपूर्ण है कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसकी आबादी का एक बड़ा धड़ा भारत वापस लौट आए क्योंकि हमें इनलोगों की यहां जरूरत है।”

हरोशे ने कहा, “भारत में हमारे पास गणित में बेहतरीन शिक्षा है, सैद्धांतिक भौतिकी और खगोल भौतिकी में, मुझे लगता है कि छोटे पैमाने के भौतिकी प्रोजेक्ट्स के लिए पैसा लगाना चाहिए चाहे भले ही इस पर मून लैंडिंग जैसी बड़ी परियोजना की तरह मीडिया का ध्यान न हो।”