विदेश / अबू धाबी में नागरिक कानून के तहत गैर-मुसलमानों को दी जाएगी शादी व तलाक की अनुमति

अबू धाबी के शासक द्वारा जारी नए आदेश के मुताबिक, अबू धाबी में गैर-मुसलमानों को नागरिक कानून के तहत शादी करने, तलाक लेने और बच्चे को गोद लेने संबंधी अधिकार देने की अनुमति दी जाएगी। अबू धाबी न्यायिक विभाग ने कहा, "फैसले का उद्देश्य गैर-मुसलमानों के लिए नागरिक कानून बनाकर अमीरात के नेतृत्व को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देना है।"

Vikrant Shekhawat : Nov 07, 2021, 06:41 PM
अबू धाबी: मुस्लिम राष्ट्र संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) ने गैर मुस्लिमों को शादी, तलाक और बच्चे को गोद लेने संबंधी अधिकार देने की अनुमति दे दी है। इसके लिए यूएई बाकायदा एक नया कानून लेकर आ रही है। अभी तक यूएई में शरिया कानून के तहत ही शादी की अनुमति थी। अन्य मुस्लिम देशों की तुलना में संयुक्त अरब अमीरात का ये नवीनतम और ऐतिहासिक कदम है।

खाड़ी राष्ट्र संयुक्त अरब अमीरात ने अपने देश में रह रहे गैर मुस्लिम लोगों को सौगात देते हुए उन्हें अपने रीति-रिवाज से शादी करने की अनुमति दे दी है। इतना ही नहीं इसके लिए यूएई जल्द ही एक अदालत शुरू करेगी, जिसमें गैर मुस्लिमों के विवाह को मंजूरी मिल सके।

यूएई की समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम के मुताबिक, गैर-मुसलमानों को संयुक्त अरब अमीरात में नागरिक कानून के तहत शादी, तलाक और बच्चों को गोद लेने संबंधी सभी अधिकारों की अनुमति दी जाएगी। 

यह संयुक्त अरब अमीरात में नवीनतम और ऐतिहासिक कदम है। इससे पहले अन्य खाड़ी देशों की तरह यूएई में शादी और तलाक इस्लामी शरिया सिद्धांतों के आधार पर ही होते थे। अबू धाबी के शेख खलीफा बिन जायद अल-नाहयान(यूएई महासंघ के अध्यक्ष) द्वारा जारी फरमान में कहा गया है कि इस नए कानून में नागरिक विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, संयुक्त बाल हिरासत और पितृत्व का प्रमाण और विरासत शामिल है।

डब्ल्यूएएम के मुताबिक, इस कानून का उद्देश्य अन्य खाड़ी देशों के मुकाबले यूएई की स्थिति को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देना है। रिपोर्ट के अनुसार, यूएई ने गैर-मुस्लिम पारिवारिक मामलों के लिए बनाए गए नए नागरिक कानून को दुनिया के समक्ष एक नई पहल बताया है। गैर-मुस्लिम पारिवारिक मामलों को निपटाने के लिए अबू धाबी में एक नई अदालत की स्थापना की जाएगी, जो अंग्रेजी और अरबी दोनों भाषाओं में काम करेगी।

यूएई ने पिछले साल संघीय स्तर पर कई कानूनी बदलाव किए हैं। जिसमें विवाह पूर्व यौन संबंधों और शराब के सेवन को अपराध से मुक्त करना और तथाकथित ऑनर किलिंग से निपटने के दौरान नरमी के प्रावधानों को रद्द करना शामिल है।