Glaciers Melting / कर्ज में फंसे पाकिस्तान के सामने अब ये बड़ा संकट, डुबा सकता है सबकुछ

आर्थिक समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर है. देश में एक और संकट ने दस्तक दे दी है और यह संकट पाक के लिए सबसे खतरनाक हो सकता है. दरअसल, यहां तेजी से कई ग्लेशियर पिघल रहे हैं और इससे कई जगह बाढ़ की स्थित आ गई है. वहीं, कुछ जगहों पर झील या नदी में पानी ओवरफ्लो हो रहा है और आने वाले समय में हालात बेकाबू हो सकते हैं. हाल ही में यहां पहाड़ों के बीच बचे हसनाबाद गांव में ऐसा ही कुछ हुआ.

Vikrant Shekhawat : Jul 08, 2022, 09:50 AM
New Crisis in Pakistan: आर्थिक समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर है. देश में एक और संकट ने दस्तक दे दी है और यह संकट पाक के लिए सबसे खतरनाक हो सकता है. दरअसल, यहां तेजी से कई ग्लेशियर पिघल रहे हैं और इससे कई जगह बाढ़ की स्थित आ गई है. वहीं, कुछ जगहों पर झील या नदी में पानी ओवरफ्लो हो रहा है और आने वाले समय में हालात बेकाबू हो सकते हैं. हाल ही में यहां पहाड़ों के बीच बचे हसनाबाद गांव में ऐसा ही कुछ हुआ. यहां अचानक आई बाढ़ ने लोगों को काफी नुकसान पहुंचाया.

अचानक आई बाढ़ और गम में बदल गईं खुशियां

गांव में रहने वाले 67 साल के जावेद राही रिटायर्ड टीचर हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में वह भतीजे की शादी की तैयारी कर रहे थे. जिस दिन भतीजे की शादी थी उसी दिन गांव में बाढ़ आ गई. जावेद उस पल को याद करके कहते हैं कि, "हम लोग इस उम्मीद में थे कि इस खास मौके पर महिलाएं और बच्चे गाएंगे और नाचेंगे, लेकिन डांस और गाने की जगह मैंने उन्हें चिल्लाते हुए पाया. यह कयामत की तरह था." बाढ़ में गांव के 9 घर बह गए, जबकि आधा दर्जन से अधिक क्षतिग्रस्त हुए. पानी ने दो छोटे पनबिजली संयंत्र और एक पुल को भी बहा दिया.

सबसे ज्यादा ग्लेशियर पाकिस्तान में

बता दें कि पाकिस्तान 7000 से अधिक ग्लेशियरों का घर है और यह ध्रुवों के बाहर पृथ्वी पर सबसे अधिक है. बढ़ते ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे हजारों ग्लेशियर झीलें बन रही हैं. पाक सरकार ने चेतावनी दी है कि इनमें से 33 झीलों में कुछ ही घंटों में लाखों क्यूबिक मीटर पानी और मलबा आने का खतरा है. यह सभी झीलें हिमालय, हिंदू कुश और काराकोरम पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित हैं.

इसी साल अब तक आ चुके हैं 16 मामले 

पाकिस्तान सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में ही बताया था कि इस साल कम से कम ऐसी हिमनदी झीलों के फटने से पहले ही बाढ़ के 16 मामले आ चुके हैं, जबकि यह आंकड़ा औसत 5-6 प्रति वर्ष है. पर्यावरण से जुड़े एनजीओ जर्मनवॉच ने पिछले दिनों ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स रिलीज किया था. इसके अनुसार,  जलवायु परिवर्तन की वजह से बदलते मौसम के मामले और खतरे में पाकिस्तान दुनिया का आठवां सबसे कमजोर देश है. हाल के वर्षों में यहा आई बाढ़ और सूखे ने हजारों लोगों की जान ली है और लाखों को विस्थापित कर दिया है.