देश / अब गाड़ियों का कराना होगा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, नहीं तो मिल जाएगा नोटिस

देश में गाड़ियों की इंश्योरेंस को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. जिसमें बताया जा रहा है की गाड़ियों के इंश्योरेंस पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया गया है. ऐसे में अब बताया जा रहा है कि गाड़ियों के थर्ड पार्टी इंस्योरेंस करवाना अनिवार्य हो गया है. बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह फैसला लिया है.

Vikrant Shekhawat : Oct 01, 2021, 06:22 PM
देश में गाड़ियों की इंश्योरेंस को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. जिसमें बताया जा रहा है की गाड़ियों के इंश्योरेंस पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया गया है. ऐसे में अब बताया जा रहा है कि गाड़ियों के थर्ड पार्टी इंस्योरेंस करवाना अनिवार्य हो गया है. बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह फैसला लिया है. मंत्रालय ने बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के सहयोग से सबी राज्यों में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस सनिश्चित करने को लेकर बड़ा फैसला लिया है.

इस थर्ड पार्टी पॉलिसी को लेकर बताया जा रहा है कि कुछ अन्य राज्यो में इसकी शुरुआत कर दी गई है. इसको लेकर कुछ राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट जारी है. इसको लेकर यह भी बताया जा रहा है कि फिलहाल पहले चरण में सड़क पर चलने वाली गाड़ियों का ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जांचा जा रहा है. जब इसकी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी उसके बाद वैसी गाड़ियां जो सड़क पर नजर नहीं आ रही हउनकी भी जांच की जाएगी.

बता दें कि केंद्र सरकार की बीमा विनियामक और विकास प्राधिकार एजेंसी यह सभी राज्यों के डीटीओ को यह जानकारी देगा कि किस गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराया गया है और किसका नहीं. अगर किसी गाड़ी का इंश्योरेंस खत्म हो चुका है तो इसके लिए गाड़ी मालिक को नोटिस भी भेजा जाएगा. इस थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में बीमा कराने वाले को कोई फायदा नहीं होता लेकिन बीमा कराने वाले को कोई घाटा भी नहीं होता है.

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के तहत अगर किसी वाहन से अगर किसी को धक्का लगता है और उसकी जान चली जाती है या वह घायल हो जाता है, तो बीमाधारक संबंधित बीमा कंपनी से पीड़ित को क्षतिपूर्ति दिला सकता है. ऐसे में अस्पताल का खर्च भी गाड़ी मालिक को देना नहीं होता है. बीमा कंपनी ही उस राशि का भुगतान करती है. आपको बता दें कि थर्ड पार्टी बीमा तीसरे पक्ष से संबंधित होता है. अगर किसी ने वाहन का थर्ड पार्टी बीमा कराया है और कोई दुर्घटना होती है तो तीसरी पार्टी को बीमा कंपनी क्लेम देती है. आपको बता दें कि इसमें फर्स्ट पार्टी गाड़ी चलाने वाला होता है तो वहीं थर्ड पार्टी वाहन की चपेट में आने वाला होता है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य कर दिया है.