देश / हमारा इलाका...मौसम के जरिए पाकिस्तान को डोभाल देना चाहते थे ये 3 मैसेज

सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस कदम की कल्पना 'कुछ समय पहले ' राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने की थी। औपचारिक प्रस्ताव करीब 3 महीने पहले तैयार किया गया और डेप्युटी नेशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर राजिंदर खन्ना के ऑफिस से 3 फरवरी को विदेश और गृह मंत्रालय के सचिवालय और भारत के दो प्रमुख इंटेलिजेंस एजेंसियों इंटेलिजेंस ब्यूरो और रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग को भेजा गया। उन्होंने औपचारिक मंजूरी पिछले सप्ताह दी।

Live Hindustan : May 08, 2020, 08:45 PM
पीओके | मौसम रिपोर्ट और अनुमान में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद को शामिल किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले ने पाकिस्तान को भारत की बदली रणनीति के अहम संकेत दे दिए हैं। इस मामले से जुड़े लोगों ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि कैसे सरकार ने यह फैसला लिया और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इससे पाकिस्तान को क्या-क्या संदेश देना चाहते हैं। 

सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस कदम की कल्पना 'कुछ समय पहले ' राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने की थी। औपचारिक प्रस्ताव करीब 3 महीने पहले तैयार किया गया और डेप्युटी नेशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर (स्ट्रैटिजिक अफेयर्स) राजिंदर खन्ना के ऑफिस से 3 फरवरी को विदेश और गृह मंत्रालय के सचिवालय और भारत के दो प्रमुख इंटेलिजेंस एजेंसियों इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (RAW) को भेजा गया। उन्होंने औपचारिक मंजूरी पिछले सप्ताह दी।

इस प्रस्ताव को तैयार करने के लिए शुरुआती चर्चाओं का जिक्र करते हुए इस मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा था कि इस एक कदम से पाकिस्तान को कई संदेश जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि केंद्रबिंदु यह था, ''यह मेरा क्षेत्र है और मैं सभी कदम उठाकर अपनी संप्रभुता का हक जता रहा हूं।''

दूरदर्शन को आदेश, निजी चैनल भी तैयार

इस सप्ताह सरकार ने दूरदर्शन से कहा कि पीओके के मीरपुर, मुजफ्फराबाद और उत्तरी इलाके गिलगित को भी मौसम की खबरों में शामिल किया जाए, जिसे पाकिस्तान गिलगित बाल्टिस्तान कहता है। कुछ निजी समाचार चैनलों ने भी कहा है कि वे भी वेदर बुलेटिन में बदलाव करते हुए इसे शामिल करेंगे। दूरदर्शन से वह वेदर मैप इस्तेमाल करने को कहा गया है कि जिसमें जम्मू-कश्मीर के संपूर्ण क्षेत्र को दर्शाया गया हो। इससे भारत के पक्ष की प्रतिदिन और सार्वजनिक पुनरावृत्ति होगी। 

एक अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस कदम ने भारत के दृष्टिकोण में एक बदलाव को दिखाता है, जो पाकिस्तान और उसके सहयोगियों और दुनिया को डंके की चोट पर बताने के लिए है कि इस्लामाबाद ने जम्मू-कश्मीर के 86 हजार स्क्वायर किलोमीटर भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। 

चीन के लिए लिहाज से भी अहम

संप्रभुता पर यह जोर इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा गिलगित बाल्टिस्तान से होकर गुजरता है, जो क्षेत्रफल में केरल से करीब दोगुना है। कुछ सालों पहले चीन ने जब बेल्ट ऐंड रोड इनिशिटिव की शुरुआत की तो उसे उम्मीद थी कि भारत इसमें शामिल होगा, यद्यपि यह पीओके से गुजर रहा था। जब भारत ने इसका विरोध किया तो बीजिंग ने कहा कि नई दिल्ली इसमें शामिल हो क्योंकि इससे दो देशों के बीच विवाद के रूप में कश्मीर की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा। 

पीओके के लोगों की दुर्दशा भी आएगी सामने

अधिकारी ने कहा, ''हर दिन के मौसम रिपोर्ट का नक्शा जम्मू-कश्मीर के संपूर्ण भाग को लेकर भारत के संदेश को हर दिन पुष्ट करेगा।'' अधिकारियों ने कहा कि टेलीविजन पर भारत का नक्शा कई तरीकों से यहां रह रहे लोगों की दुर्दशा के बारे में भी बताएगा कि इस्लामाबाद किस तरह इनके अधिकारों का हनन कर रहा है। 

ब्रिटेन को सभी संदेश

इसके अलावा भारत इस कदम से ब्रिटेन के राजनीतिक प्रतिष्ठान को भी संदेश भेजना चाहता है कि वे किसा का पक्ष ना लें। पाकिस्तानी प्रवासियों की एक बड़ी संख्या जो ब्रिटेन में रहती है वह मीरपुर से है, जिनकी लेबर पार्टी के नेताओं जैसे जेरमी कोर्बयन से निकटता है जिन्होंने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप के लिए प्रस्ताव पेश किया था।