Live Hindustan : Sep 02, 2019, 07:22 AM
पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि पाक की जेल में बंद भारतीय नागरिक व पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को सोमवार को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई जाएगी। हालांकि, भारत चाहता है कि उसे बिना किसी शर्त के राजनयिक मदद मिलनी चाहिए।
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि 49 वर्षीय जाधव को वियना संधि, अंतराष्ट्रीय अदालत के फैसले और पाक कानून के तहत सोमवार को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई जाएगी। इससे पहले पाक सरकार ने पिछले महीने जाधव को सशर्त पहुंच मुहैया कराने का फैसला किया था।भारत ने बीते शुक्रवार को स्पष्ट किया था कि जाधव के लिए तुरंत, प्रभावी और अबाधित राजनयिक पहुंच चाहते हैं। सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी जाधव को ईरान से पकड़ा था, जहां वह कारोबार के संबंध में गए हुए थे। वहीं पाक का दावा कि जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने तीन मार्च, 2016 को जासूसी और आतंक के आरोप में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। भारत इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय अदालत ले गया था। क्या है वियना संधिआजाद और संप्रभु देशों के बीच आपसी राजनयिक संबंधों को लेकर सबसे पहले 1961 में वियना सम्मेलन हुआ। इसके तहत एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संधि का प्रावधान किया गया, जिसमें राजनियकों को विशेष अधिकार दिए गए। इसके आधार पर ही राजनियकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का प्रावधान किया गया है।
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि 49 वर्षीय जाधव को वियना संधि, अंतराष्ट्रीय अदालत के फैसले और पाक कानून के तहत सोमवार को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई जाएगी। इससे पहले पाक सरकार ने पिछले महीने जाधव को सशर्त पहुंच मुहैया कराने का फैसला किया था।भारत ने बीते शुक्रवार को स्पष्ट किया था कि जाधव के लिए तुरंत, प्रभावी और अबाधित राजनयिक पहुंच चाहते हैं। सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी जाधव को ईरान से पकड़ा था, जहां वह कारोबार के संबंध में गए हुए थे। वहीं पाक का दावा कि जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने तीन मार्च, 2016 को जासूसी और आतंक के आरोप में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। भारत इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय अदालत ले गया था। क्या है वियना संधिआजाद और संप्रभु देशों के बीच आपसी राजनयिक संबंधों को लेकर सबसे पहले 1961 में वियना सम्मेलन हुआ। इसके तहत एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संधि का प्रावधान किया गया, जिसमें राजनियकों को विशेष अधिकार दिए गए। इसके आधार पर ही राजनियकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का प्रावधान किया गया है।