Live Hindustan : Nov 14, 2019, 01:08 PM
पाकिस्तान की सेना ने बुधवार को साफ कर दिया कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े अंतरार्ष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले के संदर्भ में पाकिस्तान आमीर् एक्ट में बदलाव की बातें अटकलें मात्र हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है। इससे पहले इस आशय की रिपोर्ट आई थीं कि पाकिस्तान, भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सिविल कोर्ट में अपील करने का अधिकार मुहैया कराने के लिए अपने अपने आमीर् एक्ट में संशोधन करने जा रहा है।पाकिस्तान के एआरवाई न्यूज ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी थी। विश्वस्त सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान द्वारा यह कदम जाधव को सिविल कोर्ट में अपील दायर करने की इजाजत देने के लिए 'अंतरार्ष्ट्रीय न्यायालय की न्यायिक स्थिति का अनुपालन' करते हुए उठाया गया है। लेकिन, इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा आईएसपीआर के प्रमुख मेजर जनरल आसिफ गफूर ने इसे पूरी तरह से गलत बताया। गफूर ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “भारतीय 'सजायाफ्ता आतंकवादी' कुलभूषण यादव के अंतरार्ष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के अनुपालन के हवाले से पाकिस्तान आमीर् एक्ट में संशोधन की जो अटकलें लगाई जा रही हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं।”गफूर ने ट्वीट में कहा, “इस केस के हवाले से कई कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इस सिलसिले में जो भी फैसला किया जाएगा, उसे समय आने पर साझा किया जाएगा।”कुलभूषण का मामला पाकिस्तान की सैन्य अदालत में चल रहा है और पाकिस्तान आमीर् एक्ट ऐसे व्यक्ति या समूह को सिविल कोर्ट में अपील करने या वहां से न्याय पाने की इजाजत नहीं देता है। 17 जुलाई को, आईसीजे ने पाकिस्तान को जाधव को राजनयिक सहायता मुहैया कराने और मौत की सजा पर रोक लगाने के साथ इसकी प्रभावी समीक्षा करने का आदेश दिया था। पाकिस्तान ने दो सितंबर को आईसीजे के दिशानिदेर्शों का अनुपालन करते हुए इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया को पाकिस्तानी कारागार में जाधव से मुलाकात करने की इजाजत दी थी।पाकिस्तान ने हालांकि जाधव को दूसरी बार भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की इजाजत नहीं दी।