Vikrant Shekhawat : Apr 02, 2021, 08:38 AM
World Cup 2011: मास्टर ब्लास्टर ने जब से क्रिकेट खेलना शुरू किया था, उनका एक ही सपना था टीम इंडिया के लिए खेलते हुए वर्ल्ड कप जीतना। सचिन ने अपने करियर का आखिरी वर्ल्ड कप 2011 में खेला था, जो भारत में ही हुआ था। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया था, जिसके साथ ही सचिन का सालों पुराना सपना भी पूरा हो गया था। कप्तान धोनी ने फाइनल मैच में नॉटआउट 91 रन बनाए थे और छक्के के साथ टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। धोनी के उस छक्के की गूंज 10 साल बाद भी कायम है। आज भी कोई भारतीय क्रिकेट फैन उस छक्के का वीडियो देखता है, तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं और आंख भर आती है।आज से ठीक 10 साल पहले, 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में यह फाइनल मैच खेला गया था। 275 रनों के टारगेट के जवाब में टीम इंडिया ने 31 रनों तक वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के विकेट गंवा दिए थे। लसिथ मलिंगा कहर बरपा रहे थे। इसके बाद गौतम गंभीर ने विराट कोहली के साथ मिलकर भारतीय पारी को संभाला था। गंभीर ने उस मैच में यादगार 97 रनों की पारी खेली थी, जबकि विराट ने 35 रनों का योगदान दिया था। धोनी और युवराज सिंह नॉटआउट लौटे थे। धोनी ने 79 गेंदों पर आठ चौके और दो छक्कों की मदद से नॉटआउट 91 रन बनाए।
मैच की बात करें तो श्रीलंका ने टॉस जीतकर टीम इंडिया के खिलाफ पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। महेला जयवर्धने की सेंचुरी और कुमार संगकारा की 48 रनों की पारी के दम पर श्रीलंका ने 50 ओवर में छह विकेट पर 274 रन बनाए। जवाब में टीम इंडिया ने 48.2 ओवर में ही चार विकेट खोकर 277 रन बनाकर यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।#MSDhoni #WorldCup2011
— Amogh (@AmoghMoholkar) April 1, 2021
Dhoni lifting the trophy and giving it to youngsters-Carrying Sachin on shoulder-Virat showing maturity even at that time-Yuvi struggling from cacer and still winning ManOfSeries.Those were times of struggle but yet golden days.
Sachinnnn...Sachhhinnnn🇮🇳🇮🇳 pic.twitter.com/ZnpX9d0lkR