मोबाइल-टेक / Oppo ने Under-Screen Camera (USC) टेक्नोलॉजी से उठाया पर्दा

Oppo ने अपने स्मार्टफोन के लिए नेक्स्ट-जनरेशन अंडर-स्क्रीन कैमरा (USG) टेक्नोलॉजी से पर्दा उठा दिया है। कंपनी का कहना है कि यह नई टेक्नोलॉजी "स्क्रीन क्वालिटी और कैमरा इमेज क्वालिटी के बीच परफेक्ट बैलेंस" प्रदान करेगी। इस टेक्नोलॉजी को लेकर कहा गया है कि इसमें कई इनोवेशन की जरूरत थी, जिसमें से कुछ प्रत्येक पिक्सल के साइज़ को कम करना, ट्रेडिशनल स्क्रीन की जगह ट्रांसपेरेंट वायरिंग मटिरियल को इस्तेमाल करना

Vikrant Shekhawat : Aug 22, 2021, 12:29 PM
Oppo ने अपने स्मार्टफोन के लिए नेक्स्ट-जनरेशन अंडर-स्क्रीन कैमरा (USG) टेक्नोलॉजी से पर्दा उठा दिया है। कंपनी का कहना है कि यह नई टेक्नोलॉजी "स्क्रीन क्वालिटी और कैमरा इमेज क्वालिटी के बीच परफेक्ट बैलेंस" प्रदान करेगी। इस टेक्नोलॉजी को लेकर कहा गया है कि इसमें कई इनोवेशन की जरूरत थी, जिसमें से कुछ प्रत्येक पिक्सल के साइज़ को कम करना, ट्रेडिशनल स्क्रीन की जगह ट्रांसपेरेंट वायरिंग मटिरियल को इस्तेमाल करना और 1 से 1 पिक्सल सर्किट ड्राइविंग आदि शामिल थी। ओप्पो ने प्रोटोटाइप डिवाइस की तस्वीरें साझा की है, जिसमें नया अंडर-स्क्रीन कैमरा देखा जा सकता है जो कि फुल स्क्रीन अनुभव प्रदान करेगा।

पिछले कुछ समय से स्मार्टफोन कंपनियां सेल्फी कैमरा के लिए नॉच और होल-पंच डिज़ाइन को हटाने का रास्ता खोज रही थीं। कुछ स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों ने इसके लिए पॉप-अप कैमरा डिज़ाइन को अपनाया, जो कि भले ही फुल स्क्रीन अनुभव प्रदान करता हो लेकिन यह फोन को और भी ज्यादा भारी बना देता है। फुल-स्क्रीन अनुभव प्रदान करने के लिए अंडर-डिस्प्ले सेल्फी कैमरा अब-तक का बेहतरीन समाधान बनकर उभरा है। ZTE कंपनी ने अंडर-डिस्प्ले सेल्फी कैमरा के साथ कुछ फोन (Axon 20 और Axon 30) भी लॉन्च किए हैं, लेकिन खराब इमेज क्वालिटी और सेंसर के पूरी तरह से न छिपे होने जैसी कमियां सामने आई।  

Oppo ने साल 2019 में एक डिवाइस का प्रोटोटाइप बनाया था, जहां सेल्फी कैमरा लेंस के ऊपर की स्क्रीन हाई ट्रांसपेरेंट मटिरियल से बनी थी जिसकी पिक्सल अरेंजमेंट अलग थीं। यह डिवाइस कमर्शियली मार्केट में दस्तक नहीं दे पाया, लेकिन अब कंपनी ने अपनी नेक्स्ट-जनरेशन यूएससी टेक्नोलॉजी का ऐलान कर दिया है, जिसको लेकर कहा गया है कि यह "स्क्रीन क्वालिटी और कैमरा इमेज क्वालिटी के बीच परफेक्ट बैलेंस" प्रदान करेगी। ओप्पो का कहना है कि इसमें हार्डवेयर इनोवेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एल्गोरिदम शामिल हैं, जो कि कैमरा के इस्तेमाल के साथ-साथ जब इस्तेमाल न हो तब भी डिस्प्ले की इंटीग्रिटी और कन्सिस्टन्सी को मैंटेन रखता है।

ओप्पो बिना पिक्सल नंबर को कम किए प्रत्येक पिक्सल साइज़ को कम करने में सक्षम रहा था। कंपनी ने ट्रेडिशनल स्क्रीन की जगह इसके लिए ट्रांसपेरेंट वायरिंग मटिरियल या डिस्प्ले का इस्तेमाल किया है। ओप्पो का दावा है कि कन्सिस्टेंट स्क्रीन कलर और ब्राइटनेस के लिए ओप्पो ने 1 टू 1 पिक्सल सर्किट ड्राइविंग का इस्तेमाल किया है, जिसका मतलब यह है कि एक पिक्सल सर्किट सिर्फ एक पिक्सल को चलाएगा दो को नहीं। यह डिस्प्ले की ब्राइटनेस और कलर एक्यूरेसी को लगभग 2 प्रतिशत के साथ करता है। 1-से-1 पिक्सल सर्किट ड्राइविंग टेक्नोलॉजी भी स्क्रीन की लाइफ में 50 प्रतिशत तक सुधार करती है।

चीनी कंपनी ने यूएससी के साथ पोटोटाइप स्मार्टफोन की कुछ तस्वीरों को भी साझा किया है। डिस्प्ले में किसी प्रकार का नॉट व होल-पंच नहीं देखा जा सकता।

फिलहाल, ओप्पो कंपनी ने यह साफ नहीं किया है कि वह कब यूएससी टेक्नोलॉजी के साथ फोन को पेश करने वाली है।