विदेश / हो सकता है कि कोविड-19 की उत्पत्ति का कभी पता न चले: अमेरिकी जासूसी एजेंसियां

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि शायद वे कभी भी कोविड-19 की उत्पत्ति का पता ना लगा पाएं। एजेंसियों ने इस पर अपनी अधिक विस्तृत समीक्षा जारी की है कि क्या कोविड-19 पशु से इंसानों में आया या किसी लैब से लीक हुआ। रिपोर्ट में कोविड-19 को जैविक-हथियार की तरह इस्तेमाल किए जाने के अनुमानों को नकारा गया है।

Vikrant Shekhawat : Oct 30, 2021, 02:46 PM
वॉशिंगटन: अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि हम शायद कभी भी पता नहीं लगा सकें कि कोरोना वायरस की उत्पति कहां से हुई। उन्होंने अपने एक नए रिपोर्ट में कोरोना वायरस के जानवरों से इंसानों में आने या लैब से लीक होने पर विस्तार से बताया है।

ऑफिस ऑफ़ द यूएस डायरेक्टर ऑफ़ नेशनल इंटेलिजेंस (ODNI) ने कहा है कि प्राकृतिक उत्पति और लैब लीक दोनों ही प्रशंसनीय परिकल्पनाएं हैं। लेकिन एनालिस्ट्स इस बात से असहमत हैं कि किसकी अधिक संभावना है या क्या कोई निश्चित मूल्यांकन किया जा सकता है।

रिपोर्ट्स ने उन सुझावों को भी खारिज कर दिया है जिसमें कोरोना वायरस को बायो हथियार बताया गया। कहा है कि इस थ्योरी के समर्थकों की वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी तक सीधी पहुंच नहीं है। यह रिपोर्ट अमेरिकी राष्ट्रपति को अगस्त में जारी किए गए 90 दिनों की समीक्षा का अपडेट है।

कुछ अमेरिकी जासूसी एजेंसियों ने इसका पुरजोर समर्थन किया था कि वायरस की उत्पत्ति प्रकृति में हुई थी लेकिन इसकी बहुत कम पुष्टि हुई है। ODNI की रिपोर्ट में कहा गया है कि चार अमेरिकी जासूसी एजेंसियों और एक मल्टी एजेंसी बॉडी को कम यकीन है कि कोरोना वायरस एक संक्रमित जानवर या संबंधित वायरस से उत्पन्न हुआ है। अमेरिकी जासूसी एजेंसियों का मानना ​​है कि वे नई जानकारी के बिना कोरोना वायरस की उत्पत्ति के लिए निश्चित स्पष्टीकरण नहीं दे पाएंगे।

कोरोना वायरस उत्पति की जांच में चीन ने वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन को सहयोग नहीं किया है जिसे लेकर शी जिनपिंग सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा है। इस नए रिपोर्ट पर अब तक चीन ने कोई कमेंट नहीं किया है।