Vikrant Shekhawat : Sep 04, 2022, 06:10 PM
पाकिस्तान में बाढ़ के बाद स्थिति काफी दयनीय होगी है। मूसलाधार बारिश के बाद आई बाढ़ की वजह से अब तक 1200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों की संख्या में लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। स्थिति ऐसी है कि अकेले सिंध प्रांत 47000 से अधिक गर्भवती महिलाएं आश्रय शिविरों में शरण ली हुई हैं। बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा दो प्रांत बलूचिस्तान और सिंध प्रांत प्रभावित हैं।स्थानीय मीडिया ने रविवार को प्रांतीय स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से बताया कि पाकिस्तान में बाढ़ से प्रभावित 47,000 से अधिक गर्भवती महिलाएं सिंध प्रांत में आश्रय शिविरों में हैं। सिंध की स्वास्थ्य मंत्री अजरा पेचुहो ने बाढ़ से प्रभावित महिलाओं के आंकड़े साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ के बाद हजारों की संख्या में लोग बीमारी से पीड़ित मिले हैं।डायरिया और मलेरिया के मामले भी बढ़ेंडॉन अखबार ने स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से कहा है, प्रांत में डायरिया के 134000 से अधिक मरीज हैं और मलेरिया के 44000 से अधिक मामले सामने आए हैं। 30 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कम से कम 650,000 गर्भवती महिलाएं हैं, जिनमें से 73000 से अधिक की इस महीने ही डिलीवरी होने की उम्मीद है, गंभीर रूप से प्रभावित हैं और उन्होंने स्वास्थ्य सेवा की जरुरत है।त्वचा संक्रमण के मामले सबसे ज्यादाडॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पेचुहो ने आगे कहा कि बाढ़ प्रभावितों में अब तक 100,000 से अधिक त्वचा से संबंधित, 101 सांप के काटने और 500 कुत्ते के काटने की सूचना मिली है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने यह भी चेतावनी दी थी कि कई महिलाओं और लड़कियों को लिंग आधारित हिंसा (GBV) का खतरा बढ़ गया था क्योंकि बाढ़ में लगभग दस लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।बाढ़ की वजह से 33 मिलियन लोग प्रभावितपाकिस्तान को इस साल भयानक बाढ़ का सामना करना पड़ा है। देश में लगभग 33 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं। वर्तमान में बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और पंजाब में 500,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा शनिवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो महीनों में सिंध से 134,000 से अधिक दस्त के मामले सामने आए हैं।