AajTak : Sep 13, 2020, 08:43 AM
Delhi: पूरी दुनिया जिस कोरोना वायरस वैक्सीन के इंतजार में है, उस ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन के ट्रायल को ब्रिटेन में एक वॉलंटियर के बीमार होने के बाद रोकना पड़ा था। अच्छी बात ये है कि इसे दोबारा शुरू किया जाएगा। इस संबंध में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का बयान सामने आया है। इसके बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का भी बयान सामने आया है।
दरअसल, शनिवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि ऑक्सफोर्ड कोरोना वैक्सीन के ट्रायल ब्रिटेन के सभी परीक्षण केंद्रों में फिर से शुरू किए जाएंगे। विश्व स्तर पर करीब 18,000 लोगों ने अध्ययन के टीके प्राप्त किए हैं। इस तरह के बड़े परीक्षणों में यह उम्मीद की जाती है कि कुछ प्रतिभागी अस्वस्थ हो जाएंगे। इसलिए उनकी सुरक्षा का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जाना चाहिएइसके बाद भारत में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को विकसित कर रहे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से भी बयान जारी किया गया है। SII के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अदार पूनावाला ने शनिवार को ही एक ट्वीट के जरिए बताया कि जैसा कि मैंने पहले ही कहा था कि हमें ट्रायल पूरा होने से पहले किसी तरह का निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए। हालिया घटनाएं इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि हमें प्रक्रिया के प्रति कोई धारणा नहीं बनाकर क्यों आखिरी चरण तक इसका सम्मान करना चाहिए। यह एक अच्छी खबर है
दरअसल, शनिवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि ऑक्सफोर्ड कोरोना वैक्सीन के ट्रायल ब्रिटेन के सभी परीक्षण केंद्रों में फिर से शुरू किए जाएंगे। विश्व स्तर पर करीब 18,000 लोगों ने अध्ययन के टीके प्राप्त किए हैं। इस तरह के बड़े परीक्षणों में यह उम्मीद की जाती है कि कुछ प्रतिभागी अस्वस्थ हो जाएंगे। इसलिए उनकी सुरक्षा का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जाना चाहिएइसके बाद भारत में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को विकसित कर रहे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से भी बयान जारी किया गया है। SII के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अदार पूनावाला ने शनिवार को ही एक ट्वीट के जरिए बताया कि जैसा कि मैंने पहले ही कहा था कि हमें ट्रायल पूरा होने से पहले किसी तरह का निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए। हालिया घटनाएं इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि हमें प्रक्रिया के प्रति कोई धारणा नहीं बनाकर क्यों आखिरी चरण तक इसका सम्मान करना चाहिए। यह एक अच्छी खबर है
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी बयान में यह भी बताया गया है कि इस मानक समीक्षा प्रक्रिया में समीक्षा समिति और राष्ट्रीय नियामकों के तहत सभी अपॉइंटमेंट सामान्य रूप से जारी रहे। यह निष्कर्ष निकाला गया है कि समिति और यूके नियामक दोनों की सिफारिशों का पालन करते हुए वैक्सीन का परीक्षण ब्रिटेन में फिर से शुरू किया जाएगाइस मामले में यूके की मेडिकल रिसर्च काउंसिल के कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर फियोना वाट ने कहा कि किसी भी नई दवा को विकसित करने में सुरक्षा का सबसे अधिक महत्व है। इसलिए यह बहुत आश्वस्त करने वाला है कि ऑक्सफोर्ड कोरोना वायरस वैक्सीन का परीक्षण एक स्वतंत्र सुरक्षा समिति और MHRA द्वारा समीक्षा के बाद फिर से शुरू होगा।बता दें कि पिछले दिनों बहुप्रतीक्षित ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया गया था। इसका कारण यह था कि पिछले दिनों ट्रायल में एक मरीज को कुछ दिक्कत आ गई थी। एस्ट्राजेनेका की तरफ से कहा गया था कि ट्रायल में शामिल UK की एक महिला की रीढ़ की हड्डी में गंभीर रूप से सूजन आ गई है, इसलिए कंपनी की तरफ से ट्रायल को रोकने का फैसला लिया गया था।As I’d mentioned earlier, we should not jump to conclusions until the trials are fully concluded. The recent chain of events are a clear example why we should not bias the process and should respect the process till the end. Good news, @UniofOxford. https://t.co/ThIU2ELkO3
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) September 12, 2020