Vikrant Shekhawat : Aug 29, 2019, 09:25 PM
अक्सर भारत विरोधी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली लेखिका अरुंधति रॉय को हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में यह कहते हुए सुना गया कि पाकिस्तानी सेना का इस्तेमाल वहां के नागरिकों के खिलाफ कभी नहीं किया गया, लेकिन लोकतांत्रिक देश भारत ने अपने ही देश के लोगों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल किया है। वहीं, उनके इस विवादित टिप्पणी की न केवल भारत, बल्कि बांग्लादेश में भी आलोचना हुई।1971 युद्ध की भयावहता की याद दिलाते हैं बांग्लादेश की विवादित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने गुरुवार को ट्वीट कर लिखा कि हम जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना कितनी क्रूर है। पूर्वी पाकिस्तान में दो लाख महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया व 30 लाख अधिक लोगों की हत्याएं की गईं। हमारे घरों में घुसकर लूट की वारदात को अंजाम दिया गया। मेरे पिता को तो दरिंदों ने लगभग मार ही डाला था। ऐसे में अरुंधति भला यह कैसे दावा कर सकती हैं कि पाक सेना वहां के लोगों पर अत्याचार नहीं करती है। हम तो अभी भी 71 के दर्द को नहीं भूल सके हैं।सोशल मीडिया में प्रसारित वीडियो में अरुंधति ने कहा है कि आजादी के बाद से ही भारत सेना का इस्तेमाल कश्मीर, हैदराबाद-तेलंगाना के मुसलमानों, पंजाब के सिखों और गोवा के ईसाइयों के खिलाफ करते आ रही है। खैर, उनके इस बयान की चौतरफा निंदा शुरू हो गई है और कई लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी सो लेखिका इतना कुछ बोल पा रही है। अगर पाकिस्तान में होती तो उन्हें पता चलता कि भारत और पाकिस्तान में क्या अंतर है।