India-Pakistan Relations / UN में फिर कश्मीर पर पाकिस्तान ने बोला झूठ, भारत ने बजा दी बैंड

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है, जो कश्मीर मुद्दे पर बार-बार झूठ फैला रहा है। राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि गलत सूचना से वास्तविकता नहीं बदलेगी। उन्होंने सूचना की समावेशी पहुंच पर जोर दिया।

Vikrant Shekhawat : Nov 06, 2024, 11:16 PM
India-Pakistan Relations: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाकर और गलत जानकारी फैलाकर वैश्विक मंच का दुरुपयोग किया है। इस बार भारत ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की आलोचना करते हुए उन्हें झूठ फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का उपयोग करने पर जमकर फटकार लगाई। राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला ने, जो सूचना संबंधित विषयों पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की चौथी समिति की आम बहस में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, पाकिस्तान के इस कदम की निंदा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि गलत जानकारी और दुष्प्रचार जमीनी हकीकत को नहीं बदल सकता।

राजीव शुक्ला ने कहा, "एक (पाकिस्तानी) प्रतिनिधिमंडल ने फिर से इस प्रतिष्ठित मंच का उपयोग झूठ फैलाने के लिए किया है। दुष्प्रचार और गलत जानकारी का सहारा लेना इस प्रतिनिधिमंडल की आदत बन गई है।" शुक्ला ने स्पष्ट किया कि भारत के लोकतंत्र में हाल ही में संपन्न चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, जो जनता का भारतीय लोकतंत्र पर विश्वास दिखाता है। जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से एक अक्टूबर तक तीन चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए, जिसमें जनता ने अपनी भागीदारी से विश्व को एक स्पष्ट संदेश दिया।

पाकिस्तान के भ्रामक प्रचार का पर्दाफाश

राजीव शुक्ला ने पाकिस्तान के प्रयासों पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि किसी भी प्रकार का दुष्प्रचार और गलत जानकारी जमीनी सच्चाई को नहीं बदल सकती। उन्होंने पाकिस्तान के विभाजनकारी और राजनीतिक एजेंडे की निंदा करते हुए, उनके प्रतिनिधिमंडल से आग्रह किया कि वे संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच का रचनात्मक तरीके से इस्तेमाल करें। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला सहित भारत के 12 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल शामिल है, जो विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए संयुक्त राष्ट्र में मौजूद हैं।

शुक्ला ने भारत के 'वसुधैव कुटुंबकम' के सिद्धांत पर जोर देते हुए कहा कि सूचना पर किसी भी प्रकार की राष्ट्रीयता, लिंग, धर्म या संस्कृति की बाधाएं नहीं होनी चाहिए। एक जागरूक नागरिक की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि वह न केवल गलत सूचना से निपटने में सक्षम होता है, बल्कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और सरकारों को जवाबदेह ठहराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

झूठी और भ्रामक जानकारी के जोखिम

शुक्ला ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करते हुए सामूहिक प्रगति के लिए लोगों को सशक्त बनाने में विश्वास रखता है। उन्होंने गलत जानकारी के खतरों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे न केवल सार्वजनिक संस्थानों पर विश्वास घटता है, बल्कि यह समुदायों में भी विभाजन का कारण बनता है।

संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना के मुद्दे पर शुक्ला ने कहा कि भारत शांति सैनिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उन्होंने वैश्विक संचार विभाग (डीजीसी) से क्षेत्रीय मिशनों के साथ मिलकर संचार रणनीतियों को विकसित करने का आग्रह किया, ताकि शांति सैनिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी का विस्तार

राजीव शुक्ला ने सुझाव दिया कि शांति सेना संबंधी वेबसाइटों को स्थानीय भाषाओं में जारी करने से उनकी जानकारी की पहुंच और व्यापक हो सकती है। उन्होंने हिंदी में संयुक्त राष्ट्र के सोशल मीडिया अकाउंट की सफलता का उदाहरण दिया, जिसे बड़ी संख्या में लोग फॉलो करते हैं। उन्होंने कहा कि विविध भाषाओं में ऐसे प्रयासों का विस्तार न केवल वैश्विक समावेशिता को बढ़ाएगा, बल्कि समुदायों के साथ उनकी मूल भाषाओं में बेहतर जुड़ाव को भी प्रोत्साहन देगा।

इस प्रकार, संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए झूठ और दुष्प्रचार का न केवल पर्दाफाश किया, बल्कि विश्व को यह भी संदेश दिया कि सूचना की समावेशी पहुंच और लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन सभी के हित में है।