Vikrant Shekhawat : Mar 12, 2022, 09:33 AM
पाकिस्तान ने भारत के शक्तिशाली व अत्याधुनिक राफेल विमानों से मुकाबले के लिए चीन से मिले J-10C लड़ाकू विमानों को अपनी सेना में शामिल कर लिया। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इन 25 विमानों की स्क्वाड्रन को पाकिस्तान की वायुसेना के बेड़े में औपचारिक तौर पर और समारोहपूर्वक शामिल किया। इस मौके पर पाक पीएम इमरान खान ने भारत को परोक्ष धमकी भी दी।पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित मिन्हास कामरा एयरबेस पर आयोजित कार्यकम में इमरान खान ने कहा कि 40 साल पहले पाक वायुसेना को अमेरिका ने एफ-16 विमान दिए थे। इसके बाद पाकिस्तान को अब नए लड़ाकू विमान हासिल हुए हैं। उन्होंने पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन को भी इस सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। इमरान खान ने इस मौके फ्रांस से भारत की राफेल विमान खरीदी का भी परोक्ष जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इस क्षेत्र में सैन्य असंतुलन कायम किया जा रहा है। आज पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। इमरान खान ने चीन को इस बात के लिए खासतौर से धन्यवाद दिया कि मात्र 8 माह में उसने इन विमानों की खेप पाकिस्तान को दे दी, जबकि ऐसी खरीदी में सालों लग जाते हैं। पाकिस्तान पर हमले से पहले दो बार सोचना पड़ेगाभारत का परोक्ष जिक्र करते हुए इमरान खान ने कहा कि किसी भी देश को अब पाकिस्तान पर हमला करने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा। पाकिस्तान की सेना अब सुसज्जित व प्रशिक्षित हो गई है। वह किसी भी खतरे से निपट सकती है।JF-17 की तुलना में अधिक उन्नत इस मौके पर पाक वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने कहा कि जेसी -10 एकीकृत हथियार, एवियोनिक और लड़ाकू विमान प्रणाली से लैस है। पीएएफ में इसके शामिल होने से इसकी पेशेवर क्षमताओं को और मजबूती मिलेगी। यह JF-17 की तुलना में अधिक उन्नत और चौथी पीढ़ी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को भी ले जा सकता है। J-10C चौथी पीढ़ी का मध्यम आकार का लड़ाकू जेट है। यह चीन-पाकिस्तान द्वारा साझा रूप से विकसित हल्के लड़ाकू जेट JF-17 से अधिक शक्तिशाली है। जेएफ-17 का वर्तमान में पाक वायुसेना द्वारा उपयोग किया जा रहा है।बता दें, भारत के सुखाई 2000 व मिग 29 विमानों ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकी अड्डों को तबाह किया था। उस वक्त भारत के पास अत्याधुनिक राफेल विमान भी नहीं थे। पाकिस्तान को चीनी विमानों पर भरोसा करने से पहले भारत की ताकत व हौसले को समझना होगा।