दुनिया / FATF के फंदे से नहीं निकली पाक की गर्दन, अपनी करतूत का दूसरों पर दोष

मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ओर से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा गया है। एफएटीएफ चीफ ने शनिवार को इस फैसले की घोषणा करते हुए साफ कहा था कि हाफिद सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को पालने की वजह से पाकिस्तान को एक बार फिर सख्त निगरानी में रखने का फैसला किया गया है।

Vikrant Shekhawat : Jun 26, 2021, 05:27 PM
New Delhi: मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ओर से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा गया है। एफएटीएफ चीफ ने शनिवार को इस फैसले की घोषणा करते हुए साफ कहा था कि हाफिद सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को पालने की वजह से पाकिस्तान को एक बार फिर सख्त निगरानी में रखने का फैसला किया गया है। बार-बार मुंह पर कालिख पोते जाने के बावजूद बेशर्मी से अपनी करतूत पर पर्दा डालने की नाकाम कोशिश करते हुए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को इसमें 'विदेशी ताकतों' का हाथ नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि उनका इशारा भारत जैसे देशों पर है, जिन्होंने आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

रेडियो पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने लगभग पूरे एक्शन प्लान को लागू कर दिया था और अब इसे ग्रे लिस्ट में रखने की जगह नहीं थी। एफएटीएफ की ओर से बताई गई वजह से नजरें चुराते हुए कुरैशी ने कहा कि यह देखने की जरूरत है कि क्या एफएटीएफ का राजनीतिक उद्देश्यों से इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ ताकतें एफएटीएफ की तलवार पाकिस्तान के ऊपर लटकाए रखना चाहती हैं। कुरैशी ने कहा कि यह तय करने की जरूरत है कि एफएटीएफ टेक्निकल फोरम है या पॉलिटिकल। 

हालांकि, कुरैशी ने यह भी माना कि पाकिस्तान जो भी कदम उठा रहा है वह उसके अपने हित में भी है। उन्होंने कहा, ''हमारा हित क्या है? हमारा हित मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंशिंग रोकने में है और जोकुछ भी हमारे हित में हैं, हम करना जारी रखेंगे।"