Pakistan / पाक में फिर निकला आर्थिक संकट का 'जिन्न', विदेशी मुद्रा भंडार 327 करोड़ डॉलर हुआ कम

पाकिस्तान एक साथ तीन मोर्चे पर लड़ रहा है. एक तरफ जहां देश में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है, तो वहीं दूसरी तरफ टीटीपी की ओऱ से किए गए आतंकवादी हमलों के ऐलान ने सरकार की नींद उड़ा दी है. अब एक बार फिर लंबे समय से बना आर्थिक संकट भी परेशान करने लगा है. दरअसल, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने घोषणा की है कि उसके विदेशी मुद्रा भंडार में 327 मिलियन डॉलर की कमी आई है.

Vikrant Shekhawat : Dec 02, 2022, 12:38 PM
State Bank of Pakistan's Forex Reserves fall by $327mn : पाकिस्तान एक साथ तीन मोर्चे पर लड़ रहा है. एक तरफ जहां देश में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है, तो वहीं दूसरी तरफ टीटीपी की ओऱ से किए गए आतंकवादी हमलों के ऐलान ने सरकार की नींद उड़ा दी है. अब एक बार फिर लंबे समय से बना आर्थिक संकट भी परेशान करने लगा है. दरअसल, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने घोषणा की है कि उसके विदेशी मुद्रा भंडार में 327 मिलियन डॉलर की कमी आई है.

अब कुल विदेशी मुद्रा भंडार 7.49 अरब डॉलर

एसबीपी ने गुरुवार शाम एक बयान में कहा कि 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान, पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक का कुल विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर लगभग 7.49 अरब डॉलर हो गया था. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बयान के हवाले से कहा कि यह कमी बाहरी कर्ज चुकाने के कारण आई है. पाकिस्तान केंद्रीय बैंक ने कहा कि वाणिज्यिक बैंकों की ओर से आयोजित शुद्ध विदेशी भंडार 5.87 अरब डॉलर है. एसबीपी के अनुसार, दक्षिण एशियाई देश की ओर से आयोजित कुल तरल विदेशी भंडार लगभग 13.37 बिलियन डॉलर था.

लगातार कम हो रहा विदेशी मुद्रा भंडार

बता दें कि पाकिस्तान का मुद्रा भंडार लगातार कम होता जा रहा है. अगस्त 2022 में जारी आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बड़ी गिरावट के साथ 7.83 अरब डॉलर पर आ गया था. यह वर्ष 2019 के बाद पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का न्यूनतम स्तर था. तब भी पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने बताया था कि ऋण भुगतान में वृद्धि और बाहरी वित्तपोषण की कमी के कारण विदेशी मुद्रा भंडार घटा है. अगस्त के आंकड़ों में पाक के विदेशी भंडार में साप्ताहिक आधार पर 55.5 करोड़ डॉलर यानी 6.6 फीसदी की गिरावट आई थी. तब पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के आंकड़ों से खुलासा हुआ था कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगभग तीन वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर गिरकर 7.83 अरब डॉलर पर आ गया था.