नई दिल्ली / भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान कल देगा कॉन्सुलर ऐक्सेस

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वियना संधि, आईसीजे के फैसले और देश के कानून के अनुसार कुलभूषण जाधव को सोमवार को कॉन्सुलर ऐक्सेस प्रदान किया जाएगा। दरअसल, आईसीजे ने पाकिस्तान को वियना संधि का उल्लंघन करने का दोषी पाया था और उसे जाधव को कॉन्सुलर ऐक्सेस देने का आदेश दिया था। गौरतलब है, जाधव पाकिस्तानी जेल में हैं।

Live Hindustan : Sep 01, 2019, 09:34 PM
पाकिस्तान ने रविवार को घोषणा की है कि दो सितंबर को कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई जायेगी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि जाधव (49) को ''राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई जा रही है।

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यापारिक उद्देश्य से गये थे और उन पर गलत आरोप लगाये गये हैं। इससे पहले जुलाई में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने बिना शर्त जाधव को काउंसलर एक्सेस देने का फैसला सुनाया था। 

पहले पाक ने रखी थीं कुछ शर्तें

पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने विगत एक अगस्त को कहा था कि कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस अगले दिन दे दिया जाएगा। लेकिन दो अगस्त को दोपहर तीन बजे होने वाली बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के चलते हो ही नहीं सकी थी। तब पाकिस्तान ने भारत के सामने कुछ शर्ते रख दी थीं जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों की मौजूदगी में जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की बात कही गई थी, जो भारत को मंजूर नहीं थी।

क्या है काउंसलर एक्सेस?

VCCR के आर्टिकल 36 (1) (बी) में कहा गया है कि अगर किसी देश (A) के नागरिक को किसी दूसरे देश (B) में गिरफ्तार किया जाता है, तो देश B को बिना देरी किए वीसीसीआर के अधिकारों के तहत उस देश A को जानकारी देनी होगी। इसमें देश A के अधिकारियों को जानकारी देना और उनसे मदद लेना शामिल है।

देश B को देश A के दूतावास या उच्चायोग को ये जानकारी देना जरूरी है कि उन्होंने उस देश के नागरिक को गिरफ्तार/हिरासत में लिया है। आर्टिकल 36(1)(सी) में कहा गया है कि देश A के अधिकारियों को उस देश में सफर करने का अधिकार है जिस देश में गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार व्यक्ति को कानूनी सहायता देने का भी प्रावधान है।