Vikrant Shekhawat : Sep 18, 2024, 06:00 AM
Pakistan News: पाकिस्तान, जो पहले से ही भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है, अब और अधिक कर्ज लेने जा रहा है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबरने के लिए सालाना दो अरब अमेरिकी डॉलर का नया लोन देने का आश्वासन दिया है। यह जानकारी मंगलवार को सामने आई, जिसमें बताया गया कि एडीबी के अध्यक्ष मासात्सुगु असाकावा ने सोमवार को पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ की गई बातचीत के दौरान यह आश्वासन दिया।2024 से 2027 तक मिलने की उम्मीदमनीला स्थित एडीबी ने पाकिस्तान के लिए 2024 से 2027 तक हर वर्ष दो अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना बनाई है। यह चार साल का पैकेज कुल आठ अरब अमेरिकी डॉलर का होगा। इस पैकेज के अंतर्गत, एडीबी अपनी ‘रियायती खिड़की’ के तहत दो प्रतिशत की निश्चित दर पर करीब एक अरब डॉलर प्रदान करेगा। यह सहायता सार्वजनिक-निजी भागीदारी, जलवायु और आपदा सहनीयता को बढ़ाने के लिए जारी की जाएगी।आर्थिक सुधारों पर सराहनाएडीबी के अध्यक्ष मासात्सुगु असाकावा ने पाकिस्तान सरकार द्वारा उठाए गए कठोर आर्थिक सुधारों की सराहना की है। उन्होंने देश की विकास प्राथमिकताओं और आर्थिक स्थिरता के लिए उठाए गए जरूरी कदमों पर चर्चा की। असाकावा ने आर्थिक मामलों के मंत्री अहद चीमा से मुलाकात की और सुधारों के सकारात्मक प्रभावों की पुष्टि की।नए नेतृत्व की नियुक्तिएडीबी ने पाकिस्तान के लिए एक नए कंट्री डायरेक्टर के तौर पर एम्मा फैन की नियुक्ति की है। फैन, जो चीनी मूल की न्यूजीलैंड निवासी हैं, अगले महीने निवर्तमान कंट्री डायरेक्टर योंग ये की जगह लेंगी। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी तुर्की के नागरिक माहिर को नए कंट्री हेड के तौर पर नियुक्त किया है। माहिर दिसंबर में अपने पदभार संभालेंगे।पाकिस्तान और एडीबी के रिश्तेपाकिस्तान 1966 से एडीबी का संस्थापक सदस्य रहा है। इस नए वित्तीय पैकेज से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को संजीवनी मिलने की उम्मीद है, हालांकि यह कर्ज का बोझ और बढ़ाएगा। एडीबी का यह कदम पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक समर्थन साबित होगा, लेकिन यह भी स्पष्ट करता है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की स्थिरता और सुधार की दिशा में अभी और मेहनत की जरूरत है।इस नई वित्तीय सहायता के साथ, पाकिस्तान को अपने विकास कार्यक्रमों और आर्थिक सुधारों को सही दिशा में आगे बढ़ाने का एक और मौका मिलेगा। हालांकि, इसे लागू करने में सरकारी नीतियों और प्रबंधन की कुशलता पर भी निर्भर करेगा कि यह कर्ज देश की स्थिरता और विकास के लिए कैसे काम आता है।