एटा / पाकिस्तानी महिला ग्राम प्रधान बनी, पोल खुलने पर मांगा इस्तीफा, स्थानीय प्रशासन ने दिया FIR के आदेश

उत्तर प्रदेश के जिला एटा के गाँव में एक पाकिस्तानी महिला के गाँव का मुखिया बनने के बाद स्थानीय प्रशासन स्तब्ध रह गया। इस मामले की जानकारी मिलते ही, प्रशासन ने पाकिस्तानी नागरिक होने की शिकायत पर महिला को प्रिंसिपल के पद से इस्तीफा देने की मांग की। जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) ने ग्राम पंचायत सचिव को इस मामले में महिला बानो बेगम की पोल खोलने पर एफआईआर लिखने का आदेश दिया है।

Vikrant Shekhawat : Jan 01, 2021, 07:43 AM
उत्तर प्रदेश के जिला एटा के गाँव में एक पाकिस्तानी महिला के गाँव का मुखिया बनने के बाद स्थानीय प्रशासन स्तब्ध रह गया। इस मामले की जानकारी मिलते ही, प्रशासन ने पाकिस्तानी नागरिक होने की शिकायत पर महिला को प्रिंसिपल के पद से इस्तीफा देने की मांग की। जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) ने ग्राम पंचायत सचिव को इस मामले में महिला बानो बेगम की पोल खोलने पर एफआईआर लिखने का आदेश दिया है।

महिला मूल रूप से कराची, पाकिस्तान की है। उसकी शादी करीब 35 साल पहले जलेसर के गांव अनलौ निवासी अख्तर अली से हुई थी। वह अभी भी भारत में दीर्घकालिक वीजा पर रह रही है और उसे अभी तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि बानो बेगम को 2015 के पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत का सदस्य चुना गया था। लेकिन 9 जनवरी 2020 को ग्राम प्रधान शहनाज बेगम की मृत्यु के बाद, उन्हें सदस्यों द्वारा अभिनय प्रमुख के रूप में चुना गया।

पाकिस्तानी महिला गाँव की मुखिया बनी

वहीं, इस महिला का कहना है कि वह अनपढ़ है और उसने कभी पंचायत का चुनाव नहीं लड़ा। बानू बेगम ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधान के बहनोई अमीर हसन ने उनके फर्जी कागजात तैयार किए और प्रधान बनाया। जब अमीर हसन ने पैसे देने के कागज पर अपना अंगूठा लगाने से इनकार कर दिया, तो उसकी शिकायत की गई। महिला का कहना है कि वह अपने पिता के पासपोर्ट और वीजा पर यहां आई थी। हर बार वह लंबी अवधि के वीजा विस्तार के साथ यहां रहती थी। एक बार भी पाकिस्तान नहीं गया।

पाकिस्तानी मूल की महिला बानू बेगम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। उसका आधार कार्ड और अन्य रिकॉर्ड कैसे बनाए जाने चाहिए, इसकी जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद भी रिकॉर्ड बनाने में मदद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।