Modi 3.0 Government / संसद सत्र चालू, आर्थिक मोर्चे पर सरकार को मिली पहले ही दिन ये बड़ी जीत

चुनाव के बाद सोमवार को 18वीं लोकसभा के पहले संसदीय सत्र का आगाज हुआ. एक तरफ जहां नवनिर्वाचित संसद सदस्य अपने पद की शपथ ले रहे थे, वहीं दूसरी तरफ आर्थिक मोर्चे पर एक ऐसी खबर आई, जो इकोनॉमी की अच्छी तस्वीर को दिखाती है. ये दिखाता है कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत है और निकट भविष्य में इसकी ग्रोथ भी जबरदस्त रहने वाली है. इसे सरकार के लिए भी बड़ी जीत माना जा रहा है. सोमवार को देश के चालू खाते से जुड़े आंकड़े जारी किए गए.

Vikrant Shekhawat : Jun 24, 2024, 10:31 PM
Modi 3.0 Government: चुनाव के बाद सोमवार को 18वीं लोकसभा के पहले संसदीय सत्र का आगाज हुआ. एक तरफ जहां नवनिर्वाचित संसद सदस्य अपने पद की शपथ ले रहे थे, वहीं दूसरी तरफ आर्थिक मोर्चे पर एक ऐसी खबर आई, जो इकोनॉमी की अच्छी तस्वीर को दिखाती है. ये दिखाता है कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत है और निकट भविष्य में इसकी ग्रोथ भी जबरदस्त रहने वाली है. इसे सरकार के लिए भी बड़ी जीत माना जा रहा है. सोमवार को देश के चालू खाते से जुड़े आंकड़े जारी किए गए. इससे पता चलता है कि जनवरी-मार्च तिमाही में देश का चालू खाता घाटा (CAD-करेंट अकाउंट डेफिसिट) घटा है. ये देश के जीडीनी के 0.6 प्रतिशत पर आ गया है.

देश का चालू खाता घाटा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को चालू खाते के घाटा का आंकड़ा जारी किया. आरबीआई का कहना है कि देश के चालू खाते में इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में 5.7 अरब डॉलर के अधिशेष यानी सरप्लस रहा. ये भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.6 प्रतिशत है.

आरबीआई ने अपनी ‘पेमेंट बैलेंस के मामले में भारत का विकास’ विषय पर एक बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 की इसी तिमाही में देश के चालू खाते में 1.3 अरब डॉलर के घाटे की स्थिति थी. ये जीडीपी के 0.2 प्रतिशत के बराबर था. अब चालू खाता घाटे में भी नहीं रहा है, बल्कि इसमें सरप्लस भी बचा हुआ है. इससे ठीक पहले की अक्टूबर-दिसंबर 2023 की तिमाही में चालू खाते में 8.7 अरब डॉलर का घाटा रहा था. ये जीडीपी का एक प्रतिशत था.

पूरे साल के आंकड़े भी उत्साहजनक

आरबीआई ने सिर्फ जनवरी-मार्च के नहीं, बल्कि समूचे वित्त वर्ष 2023-24 के आंकड़े भी जारी किए. वित्त वर्ष 2023-24 में देश के चालू खाते का घाटा 23.2 अरब डॉलर पर आ गया जो जीडीपी का 0.7 प्रतिशत है. वित्त वर्ष 2022-23 में देश का चालू खाते का घाटा 67 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2 प्रतिशत था.

पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की मार्च तिमाही में देश का गुड्स ट्रेड डेफिसिट 50.9 अरब डॉलर रहा, जो 2022-23 की समान अवधि के 52.6 अरब डॉलर से कम है. वहीं सर्विस ट्रेड कैटेगरी में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है यानी सर्विस ट्रेड से होने वाली इनकम बढ़कर 42.7 अरब डॉलर हो गई. ये एक साल पहले के 39.1 अरब डॉलर से अधिक है. इसलिए चालू खाता सरप्लस की स्थिति में आया है.