Zee News : May 27, 2020, 08:42 AM
नई दिल्ली: चीन से बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ अहम बैठक की और हालात का जायजा लिया। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार NSA अजित डोभाल (Ajit Doval) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भी सेना प्रमुखों से मुलाकात की। मिली जानकारी के अनुसार LAC पर चीन के साथ तनाव तो है लेकिन हालात खतरनाक नहीं हैं।
बता दें कि लद्दाख में दोनों देशों की सेनाएं बड़ी संख्या में तैनात हैं। सीमा तक सड़क, इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने से चीन बौखलाया हुआ है। इसी महीने कैलाश मानसरोवर के लिए चीन सीमा तक सड़क का उद्घाटन हुआ है। तनाव के बीच भारत चीन के साथ लगने वाली करीब 3,500 किमी लंबी सीमा के रणनीतिक महत्व के क्षेत्रों में भारत अपनी ढांचागत विकास की परियोजनाएं बंद नहीं करेगा। भारत ने चीन सीमा तक इंफ्रास्ट्रक्चर का काम तेज कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के शीर्ष अधिकारियों को यह कहा है कि कई संवेदनशील इलाकों में चीन के सैनिकों के आक्रामक व्यवहार के बावजूद लद्दाख, सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर महत्वूर्ण परियोजनाओं के क्रियान्वयन की पुन: समीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, चीन इन्हें रोकने के लिए सोचे-समझे प्रयास कर रहा है और इसके लिए पूर्वी लद्दाख जैसे इलाकों में हालात को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच करीब 20 दिन तक चले गतिरोध के मद्देनजर भारतीय सेना ने उत्तर सिक्किम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में अपनी मौजूदगी उल्लेखनीय ढंग से बढ़ाई है और यह संदेश दिया है कि भारत चीन के किसी भी आक्रामक सैन्य रुख के आगे रुकने वाला नहीं है।
बता दें कि लद्दाख में दोनों देशों की सेनाएं बड़ी संख्या में तैनात हैं। सीमा तक सड़क, इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने से चीन बौखलाया हुआ है। इसी महीने कैलाश मानसरोवर के लिए चीन सीमा तक सड़क का उद्घाटन हुआ है। तनाव के बीच भारत चीन के साथ लगने वाली करीब 3,500 किमी लंबी सीमा के रणनीतिक महत्व के क्षेत्रों में भारत अपनी ढांचागत विकास की परियोजनाएं बंद नहीं करेगा। भारत ने चीन सीमा तक इंफ्रास्ट्रक्चर का काम तेज कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के शीर्ष अधिकारियों को यह कहा है कि कई संवेदनशील इलाकों में चीन के सैनिकों के आक्रामक व्यवहार के बावजूद लद्दाख, सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर महत्वूर्ण परियोजनाओं के क्रियान्वयन की पुन: समीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, चीन इन्हें रोकने के लिए सोचे-समझे प्रयास कर रहा है और इसके लिए पूर्वी लद्दाख जैसे इलाकों में हालात को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच करीब 20 दिन तक चले गतिरोध के मद्देनजर भारतीय सेना ने उत्तर सिक्किम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में अपनी मौजूदगी उल्लेखनीय ढंग से बढ़ाई है और यह संदेश दिया है कि भारत चीन के किसी भी आक्रामक सैन्य रुख के आगे रुकने वाला नहीं है।