देश / पीएम मोदी टाइम के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल

टाइम मैगज़ीन की 2021 की 100 सबसे प्रभावशाली हस्तियों की सूची में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला शामिल हैं। भारतीय-अमेरिकी पत्रकार फरीद ज़कारिया ने अपने लेख में पीएम मोदी को भारत की आज़ादी के बाद तीन प्रमुख नेताओं में से एक बताया है।

नई दिल्ली: जानी-मानी पत्रिका 'टाइम' ने साल 2021 के लिए सबसे प्रभावशाली शख्सियतों की सूची जारी कर दी है। मैग्जीन ने दुनिया के 100 प्रभावसाली लोगों की सूची जारी की है। इस सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीरम इंस्टीच्यूट के सीईओ अदार पूनावाला को भी जगह दी गई है। मैग्जीन ने 100 प्रभावशाली लोगों की इस सूची को 6 कैटेगरी में बांटा है।

इन कैटेगरियों में नेता, कलाकार, पायनियर, आइकन, टाइटन और अन्वेषक शामिल हैं। इन सभी कैटेगरियों में दुनिया भर से अलग-अलग लोगों को शामिल किया गया है। 'टाइम' मैग्जीन की इस सूची को सबसे शक्तिशाली और भरोसेमंद सूची माना जाता है। मैग्जीन के एडिटर इस सूची को तैयार करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को इसमें शामिल किया जाता है उनके बेहतरीन कामों को मद्देनजर रखते हुए उन्हें यह सम्मान दिया जाता है। 

इस पत्रिका में भारतीय-अमेरिकन पत्रकार फरीद ज़कारिया ने लिखा कि जब नरेंद्र मोदी चुने गए थे तब कई लोगों ने यह सोचा कि भारत में सामाजिक पिछड़ापन आ जाएगा। लेकिन उन्होंने बड़ी एकाग्रता के साथ कुछ अलग किया। वो देश को हिंदू राष्ट्रीयता की तरफ ले गए।  ममता बनर्जी के बारे में बरखा दत्त ने लिखा कि 2 मई को ममता बनर्जी नरेंद्र मोदी के विस्तारवादी टारगेट के सामने दीवार बन कर खड़ी हो गईं। भारतीय जनता पार्टी के पास लोग और पैसे दोनों थे बावजूद इसके ममता बनर्जी दोबारा राज्य की मुख्यमंत्री बनीं।

बरखा दत्त ने आगे लिखा कि भारतीय राजनीति में दूसरी अन्य महिलाओं की तरह ममता बनर्जी की छवि कभी किसी की पत्नी, मां, बेटी या सहयोगी के तौर पर नहीं रही। वो गरीबी में रहकर आगे बढ़ीं। एक बार तो उन्होंने स्टेनोग्राफर और मिल्क-बूथ वेंडर के तौर पर भी काम किया ताकि वो अपने परिवार की मदद कर सकें। ममता बनर्जी के बारे में कहा जाता है कि वो तृणमूल कांग्रेस को लीड नहीं करती हैं बल्कि वहीं टीएमसी हैं। स्ट्रीट-फाइटर की छवि ममता बनर्जी की रही है। 

पत्रकार अभिष्यंत किदनगूर ने लिखा, 'पूनावाला ने मार्च में मुझसे कहा अगर इतिहास उनके कामों को जज करे तो उन्हें किसी तरह का कोई मलाल नहीं है।' इस साल उनके साथ कई समस्याएं आईं। पुणे में उनके प्लांट में आग लग गई। भारत के पास कच्चे माल की कमी थी। लेकिन उन्होंने बेहतरीन काम किया।