इंडिया / पीएम मोदी ने ब्रिक्स देशों के जल मंत्रियों की पहली बैठक भारत में कराने का रखा प्रस्ताव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राज़ील में गुरुवार को 11वें ब्रिक्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए ब्रिक्स देशों के जल मंत्रियों की पहली बैठक भारत में आयोजित कराने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सतत जल प्रबंधन और स्वच्छता बहुत बड़ी चुनौतियां हैं। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्‍स देशों के बीच व्‍यापार और निवेश पर भी ज़ोर दिया।

AIR : Nov 15, 2019, 10:23 AM
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत व्‍यापार सुगमता के लिए सुधार, राजनीतिक स्थिरता और विश्‍वसनीय नीति के कारण दुनिया की सबसे खुली और निवेश अनुकूल अर्थव्‍यवस्‍थाओं में है। कल ब्राजील के ब्रासिलिया में ब्रिक्‍स व्‍यापार परिषद और न्‍यू डेवलेपमेंट बैंक के साथ बातचीत में श्री मोदी ने उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्‍होंने कहा कि परिषद और विकास बैंक, ब्रिक्‍स देशों के बीच आर्थिक सहयोग मजबूत करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके लिए इन दोनों के बीच साझेदारी समझौता काफी उपयोगी साबित होगा।

ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के पूर्ण सत्र को सम्‍बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने संगठन की स्‍थापना के दस सफल वर्षों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सदस्‍य देशों को अगले दस वर्षों में सहयोग और बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। उन्‍होंने इसके लिए कारगर व्‍यवस्‍था का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि ब्रिक्‍स देशों को आपसी व्‍यापार और निवेश पर और ध्‍यान देने की जरुरत है क्‍योंकि अभी यह कुल विश्‍व व्‍यापार का केवल पन्‍द्रह प्रतिशत है। श्री मोदी ने आशा व्‍यक्‍त की कि ब्रिक्‍स की व्‍यापार संवर्धन एजेंसियों के बीच समझौते से आपसी व्‍यापार पांच सौ अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्‍य हासिल करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आंतकवाद के कारण विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था को दस खरब डॉलर का नुकसान हुआ है। उन्‍होंने आंतकवाद से मुकाबले के लिए ब्रिक्‍स देशों की रणनीति पर पहली संगोष्ठी की सराहना की और आशा व्‍यक्‍त की कि ऐसी गतिविधियों से ब्रिक्‍स देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ेगा।

ब्राजील यात्रा के समापन पर प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि ब्राजील में ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन सफल और सार्थक रहा। ब्रिक्‍स नेताओं के बीच व्‍यापार, नवाचार, प्रौद्योगिकी और संस्‍कृति क्षेत्र में संबंध मजबूत करने पर उपयोगी विचार-विमर्श हुआ। भविष्‍य में सामने आने वाले विषयों पर भी ध्‍यान केन्द्रित किया गया, जिससे सहयोग और मज़बूत होगा और सदस्‍य देशों को लाभ होगा।