Vikrant Shekhawat : Oct 24, 2021, 07:44 PM
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें G-20 शिखर सम्मेलन और COP-26 में हिस्सा लेने के लिए 29 अक्टूबर से दो नवंबर तक रोम, इटली, ग्लासगो और ब्रिटेन की यात्रा करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। वह इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के साथ भी द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। वह COP-26 से इतर भी कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे, जिसमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ वार्ता भी शामिल है।कांफ्रेंस आफ पार्टीज (काप)-26 की बैठक 31 अक्टूबर से ब्रिटेन के ग्लासगो में होगी। प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में एक और दो अक्टूबर को होने वाली लीडर समिट को संबोधित करेंगे। हाल ही में काप-26 से जुड़ी रणनीति को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी दी थी। कार्बन उत्सर्जन को नेट जीरो करने से जुड़े लक्ष्य तय करने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि इस पर सभी विकल्प खुले रखे गए हैं।केंद्रीय मंत्री ने साफ किया था कि सम्मेलन में पेरिस समझौते के तहत विकसित देशों की ओर से सालाना सौ अरब डालर वित्तीय मदद देने के वादे को भी याद दिलाया जाएगा। इस बैठक में पेरिस समझौते के अमल को लेकर भी चर्चा की जा सकती है। इस सम्मेलन में भारत पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों को प्रमुखता से रखेगा। इस सम्मेलन के लिए विभिन्न मंत्रालयों की एक 15 सदस्यीय टीम तैयार की गई है।अधिकारियों ने बताया कि COP-26 सम्मेलन में भारत की ओर से सौर ऊर्जा समेत वैकल्पिक ऊर्जा की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी जाएगी। यही नहीं भारत सरकार की ओर से जल, जंगल और जमीन के संरक्षण को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में भी अवगत कराया जाएगा। ग्लासगो में होने वाले इस सम्मेलन के शुरुआती सत्र में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव हिस्सा लेंगे। सम्मेलन की शुरुआत 31 अक्टूबर से होगी जो 12 नवंबर तक चलेगा।