Vikrant Shekhawat : Aug 31, 2020, 06:11 PM
Pranab Mukherjee No More: नई दिल्ली | कोरोना वायरस ने भारत को सबसे बड़ा झटका दिया है। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का लम्बे संक्रमण के बाद आज दिल्ली के सेना अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल की ओर से बताया गया था कि फेफड़ों में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक की स्थिति पैदा हो गई थी। प्रणव दा की 1969 में राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई, विदेश, वित्त, रक्षा मंत्री जैसे बड़े सभी बड़े पोर्टफोलियो संभाले और भारत का सर्वोच्च पद भी संभाला। प्रणब मुखर्जी को 2019 में देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) का सोमवार को अस्पताल में निधन हो गया। 10 अगस्त से वे दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) हॉस्पिटल में भर्ती थे। इसी दिन ब्रेन से क्लॉटिंग हटाने के लिए इमरजेंसी में सर्जरी की गई थी। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। प्रणब ने 10 तारीख को ही खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की बात भी कही थी। पिछले साल मिला था भारत रत्नप्रणब को पिछले साल भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया था। बेटी शर्मिष्ठा ने ट्विटर पर लिखा कि पिछले साल 8 अगस्त मेरे लिए सबसे खुशी का दिन था, क्योंकि उस दिन मेरे पिता को भारत रत्न से नवाजा गया था। उसके ठीक एक साल बाद 10 अगस्त को उनकी तबीयत खराब और गंभीर हो गई।क्लर्क रहे, कॉलेज में भी पढ़ायाप्रणब का जन्म ब्रिटिश दौर की बंगाल प्रेसिडेंसी (अब पश्चिम बंगाल) के मिराती गांव में 11 दिसंबर 1935 को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में एमए किया। वे डिप्टी अकाउंट जनरल (पोस्ट एंड टेलीग्राफ) में क्लर्क भी रहे। 1963 में वे कोलकाता के विद्यानगर कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर भी रहे। 1969 में शुरू हुआ राजनीतिक सफरप्रणब के पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 1969 में हुई। उन्होंने मिदनापुर उपचुनाव में वीके कृष्ण मेनन का कैम्पेन सफलतापूर्वक संभाला था। तब प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया। 1969 में ही प्रणब राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्यसभा के लिए चुने गए। आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल की ओर से आज जारी किए गए बयान में बताया गया था कि बीते दिन से प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य में गिरावट देखी जा रही है। फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से सेप्टिक शॉक में हैं। डॉक्टरों की एक स्पेशल टीम उनके इलाज में जुटी है. वह अभी भी कोमा में हैं और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। अस्पताल में भर्ती के दौरान की गई जांच में उनके कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई थी। बाद में उनके फेफड़े में संक्रमण हो गया। अस्पताल की ओर से बताया गया था कि उनके गुर्दे भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी साल 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे थे।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि प्रणब मुखर्जी को देश के हर तबके का सम्मान प्राप्त था। उनका निधन एक निजी क्षति है, जिनके पास सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र का ज्ञान था। राजनाथ सिंह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी का जीवन बेहद साधारण था, इसी तरह उन्होंने देश की सेवा की।