Chhattisgarh / 9 माह की प्रेग्नेंट नर्स कर रही थी ड्यूटी, बच्ची को जन्म देकर कोरोना से चल बसी

कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या से आमजन परेशान हैं। वहीं, कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद आमजनों में तीसरी लहर के लिए भय व्याप्त है। संकट के इस दौर में कुछ लोग मरीजों के मसीहा बने हुए हैं। वे अपना घर परिवार छोड़कर दिन-रात मरीजों की सेवा कर रहे हैं और अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं।

Vikrant Shekhawat : May 26, 2021, 04:19 PM
Delhi: कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या से आमजन परेशान हैं। वहीं, कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद आमजनों में तीसरी लहर के लिए भय व्याप्त है। संकट के इस दौर में कुछ लोग मरीजों के मसीहा बने हुए हैं। वे अपना घर परिवार छोड़कर दिन-रात मरीजों की सेवा कर रहे हैं और अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के ग्राम लिमो से सामने आया है जहां एक नर्स जान की परवाह किए बिना दिन-रात मरीजों की सेवा करती रही। 9 महीने से गर्भवती होते हुए भी वह कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रही थी लेकिन इस दौरान वह कोरोना की चपेट में आ गईं और एक बच्ची को जन्म देने के बाद उनकी कोरोना से मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक, दिवंगत नर्स प्रभा की पोस्टिंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरवार खुर्द के लोरमी जिला मुगेली में थी। जहां 9 माह से गर्भवती होते हुए भी वह कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रही थीं। गर्भावस्था के दौरान वह ग्राम कापादाह में ही किराए का एक कमरा लेकर अकेली रहती थीं। वह वहीं से हॉस्पिटल में आना-जाना करती थीं।

उनके पति भेजराज ने बताया कि प्रभा 9 माह की गर्भवती अवस्था में कोविड में ड्यूटी करती रहीं। 30 अप्रैल को प्रसव पीड़ा होने पर उन्हें कवर्धा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उन्होंने सिजेरियन ऑपरेशन से एक बच्ची को जन्म दिया। हॉस्पिटल में रहते हुए उन्हें कई बार बुखार आया। डिस्चार्ज होने पर जब वह घर पहुंची तो बुखार के साथ खांसी शुरू हो गई।

एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें कवर्धा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उन्हें रायपुर रेफर किया गया। जहां इलाज के दौरान 21 मई की रात उनकी मृत्यु हो गई। उनके पति भेजराज ने बताया कि उन्होंने कई बार प्रभा को कहा कि छुट्टी ले लो लेकिन प्रभा गर्भवती होते हुए भी अपने कर्तव्य पर डटी रही।