वैक्सीनेशन / कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए पात्र हैं गर्भवती महिलाएं; सीधे टीकाकरण केंद्र जाने की अनुमति

केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि गर्भवती महिलाएं अब कोविड-19 टीकाकरण के लिए पात्र हैं। गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए कोविन पंजीकरण या सीधे टीकाकरण केंद्र जाने की अनुमति है। सरकार ने इससे पहले गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 टीके के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे और कहा था कि डायबिटीज़ जैसी बीमारियों वाली गर्भवतियों को टीका लगवाना चाहिए।

Vikrant Shekhawat : Jul 03, 2021, 07:39 AM
नई दिल्ली: गर्भवती महिलाएं भी अब कोरोना वैक्सीन लगवा सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी के खिलाफ गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन को मंजूरी दे दी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने घोषणा की है कि गर्भवती महिलाएं कोविड -19 वैक्सीनेशन के लिए पात्र हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाने संबंधी शनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन (NTAGI) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि गर्भवती महिलाएं अब CoWIN पर रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं या नजदीक के कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर (CVC) पर सीधे जाकर वैक्सीन लगवा सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के किसी भी स्टेज पर कोरोना वैक्सीन लगवा सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन देने के लिए ऑपरेशनल गाइडलाइंस जारी कर दी गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 वैक्सीन के महत्व और उससे जुड़ी सावधानियों के बारे में परामर्श देने के लिए अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और वैक्सीनेशन करने वालों का मार्गदर्शन करने के उद्देश्य से एक तथ्य-पत्र तैयार किया है ताकि महिलाएं पूरी जानकारी हासिल होने के बाद वैक्सीनेशन करा सकें।

दस्तावेज में बताया गया है कि 90 प्रतिशत से अधिक संक्रमित गर्भवती महिलाएं घर पर ही ठीक हो जाती हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती, लेकिन कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है। इसमें कहा गया है कि इसलिए यह सलाह दी जाती है कि एक गर्भवती महिला को कोविड-19 वैक्सीन लगवाना चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्भावस्था के कारण कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिन गर्भवती महिलाओं में संक्रमण के लक्षण होते हैं, उनके गंभीर रूप बीमार होने और उनकी मौत होने का खतरा अधिक होता है। गंभीर रूप से बीमार होने पर अन्य सभी मरीजों की तरह गर्भवती महिलाओं को भी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी।