देश / केंद्र का आरोप- पंजाब सरकार ने 400 रुपये वाली वैक्सीन निजी अस्पतालों को 1000 रुपये में बेची

नई दिल्ली: केंद्र ने पंजाब सरकार पर निजी अस्पतालों को ऊंची कीमतों पर कोवैक्सीन बेचने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, राहुल गांधी को दूसरों को ज्ञान देने की बजाय पहले अपने (कांग्रेस) राज्य की देखभाल करनी चाहिए। पंजाब सरकार को कोवैक्सीन की 1।40 लाख से ज्यादा डोज 400 रुपये में उपलब्ध कराई गई और उन्होंने इसे 20 निजी अस्पतालों को 1000 रुपये में बेच दी।

Vikrant Shekhawat : Jun 04, 2021, 01:59 PM
नई दिल्ली: केंद्र ने पंजाब सरकार पर निजी अस्पतालों को ऊंची कीमतों पर कोवैक्सीन बेचने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, राहुल गांधी को दूसरों को ज्ञान देने की बजाय पहले अपने (कांग्रेस) राज्य की देखभाल करनी चाहिए। पंजाब सरकार को कोवैक्सीन की 1।40 लाख से ज्यादा डोज 400 रुपये में उपलब्ध कराई गई और उन्होंने इसे 20 निजी अस्पतालों को 1000 रुपये में बेच दी। 

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, पंजाब कोरोना से प्रभावित है, वैक्सीन का ठीक मैनेजमेंट नहीं हो रहा है। पिछले 6 महीने से उनकी आपसी लड़ाई चल रही है, पूरी पंजाब सरकार और पार्टी 3-4 दिन से दिल्ली में है, पंजाब को कौन देखेगा? अपनी अंदरूनी राजनीति के लिए पंजाब के लोगों की अनदेखी करना कांग्रेस का बड़ा पाप है।

पंजाब की विपक्षी पार्टी ने भी लगाया आरोप

वहीं विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी सरकार पर ऊंचे दामों पर वैक्सीन बेचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'राज्य में कोविड का टीका उपलब्ध है लेकिन पंजाब सरकार इसे निजी अस्पतालों को बेच रही है। पंजाब सरकार 400 रुपये में टीके ले रही है लेकिन निजी अस्पतालों को 1060 रुपये में बेच रही है।'

बादल ने कहा कि निजी अस्पताल लोगों से हर खुराक के लिए 1,560 रुपये ले रहे हैं। एक खुराक के लिए प्रति परिवार 6,000 से 9,000 रुपये का खर्च आ रहा है। सिर्फ मोहाली में ही एक दिन में 35,000 खुराक निजी संस्थाओं को बेची गयीं। उन्होंने कहा कि टीके से ‘मुनाफा’ कमाना ‘अनैतिक’ है।

बादल ने कहा, 'राहुल गांधी को बताना चाहिए कि क्या वह इस बात का समर्थन करते हैं कि कांग्रेस सरकार लोगों को टीके की एक खुराक पर 1,560 रुपये खर्च करने को मजबूर कर रही है।" शिअद ने एक बयान में इस मामले की हाईकोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की। हालांकि इसपर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और स्वास्थ्य अधिकारियों से टिप्पणी नहीं मिल पाई।