Qatar-India News / कतर ने भारत से लिया इजरायल के सपोर्ट का बदला? इंडियन नेवी के 8 पूर्व जवानों को फांसी की सजा

कतर में नौसेना के 8 पूर्व जवानों को मौत की सजा सुनाए जाने के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने हैरानी जताई है. मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि हम परिवार और कानूनी टीम के संपर्क में हैं. सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. कतर में जिन 8 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है ये सभी वहां की अल दहरा कंपनी में काम करते थे. गुरुवार को कतर की अदालत ने इन्हें सजा सुनाई. विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर कहा

Vikrant Shekhawat : Oct 26, 2023, 05:34 PM
Qatar-India News: कतर में नौसेना के 8 पूर्व जवानों को मौत की सजा सुनाए जाने के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने हैरानी जताई है. मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि हम परिवार और कानूनी टीम के संपर्क में हैं. सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. कतर में जिन 8 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है ये सभी वहां की अल दहरा कंपनी में काम करते थे. गुरुवार को कतर की अदालत ने इन्हें सजा सुनाई. विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि मामले पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. पीड़ित भारतीयों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही कतर के अधिकारियों के समक्ष भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा.

पाकिस्तान मीडिया ने बहुत पहले ही एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारतीय सैन्य अधिकारियों को कतर मौत की सजा दे सकता है। पाकिस्तीनी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आरोपियों की पहचान भारत की खुफिया एजेंसी,सर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के लिए काम करने वाले के रूप में की गई है। कथित तौर पर कतर में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देते हुए पकड़े गए थे। 

एक साल से कैद में हैं पूर्व नौसैनिक

कतर की कोर्ट ने जिन 8 पूर्व नौसेनिकों को सजा सुनाई है, यह पिछले एक साल से कैद में हैं, भारत की ओर से कई बार इन पर दया दिखाने और छोड़ने की अपील की गई, लेकिन हर बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई. खास बात ये है कि इन पूर्व जवानों पर आरोप क्या है ये स्पष्ट नहीं किया गया है. कतर सरकार का दावा है कि ये भारतीय इजराइल के लिए जासूसी कर रहे थे.

भारतीय युद्धपोतों पर काम कर चुके हैं ये पूर्व नौसैनिक

भारत सरकार ने सभी 8 पूर्व नौसैनिकों की रिहाई के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार शुरू कर दिया है. भारतीय नौसेना में सेवा के दौरान ये भारतीय युद्धपोतों पर तैनात रह चुके हैं. कतर में ये सभी अल दहरा ग्लोबल कंपनी में काम कर रहे थे, यह एक प्राइवेट कंपनी है जो कतर की सेना को प्रशिक्षण देती है. एक साल पहले इन सभी 8 पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार कर लिया गया था, तब से लगातार इनकी दया याचिका को खारिज किया जा रहा है.

इजरायल के लिए जासूसी का आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,भारतीय नौसेना में विभिन्न पदों पर काम कर चुके इन पूर्व अधिकारियों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि  गिरफ्तार अधिकारियों ने इटली से उन्नत पनडुब्बियों को खरीदने के लिए कतर के गुप्त कार्यक्रम का विवरण प्रदान किया। रिपोर्ट के मुताबिक, एक निजी रक्षा कंपनी के सीईओ और कतर के अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियानों के प्रमुख को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। भारतीय नौसेना के सभी आठ अधिकारी भी इसी कंपनी में कार्यरत थे। 

कौन कौन हैं पूर्व अधिकारी?

कतर में जिन नौसेना के पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था, उनके नाम कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनकर पाकला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश हैं।