Aurangabad Rail Accident / 16 मजदूरों की मौत पर रेलवे का बयान- ड्राइवर ने हॉर्न तो बजाया था लेकिन...

लॉकडाउन के बीच शुक्रवार को दर्दनाक हादसे में ट्रेन से कटकर 16 लोगों की मौत हो गई। ये सभी लोग महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश लौट रहे थे। हादसा महाराष्ट्र के औरंगाबाद के करीब हुआ। इस हादसे ने देशभर को गमजदा कर दिया। रेलवे ने बयान जारी कर इस मामले पर दुख जताया। दक्षिण मध्य रेलवे ने अपने बयान में कहा कि आज (8 मई) सुबह 5 बजकर 22 मिनट पर बड़ा हादसा हुआ।

News18 : May 08, 2020, 05:32 PM
नई दिल्ली। लॉकडाउन (Lockdown) के बीच शुक्रवार को दर्दनाक हादसे में ट्रेन से कटकर 16 लोगों की मौत हो गई। ये सभी लोग महाराष्ट्र (Maharashtra) से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) लौट रहे थे। हादसा महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad) के करीब हुआ। इस हादसे ने देशभर को गमजदा कर दिया। रेलवे (Railway) ने बयान जारी कर इस मामले पर दुख जताया।

दक्षिण मध्य रेलवे ने अपने बयान में कहा कि आज (8 मई) सुबह 5 बजकर 22 मिनट पर बड़ा हादसा (Train Accident) हुआ। कुछ लोग बदनापुर और करमाड स्टेशन के बीच पटरी पर सो रहे थे। तभी वहां से मालगाड़ी गुजरी। पटरी पर सो रहे लोग इसकी चपेट में आ गए। इससे 14 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। दो लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। एक व्यक्ति को मामूली चोट है। उसे औरंगाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ड्राइवर ने सोए लोगों को देखकर हॉर्न बजाया

रेलवे ने अपने बयान में आगे कहा कि ड्राइवर ने ट्रैक पर सोए लोगों को देख लिया था। उसने तुरंत हॉर्न बजाया। ड्राइवर ने उन लोगों को बचाने की सारी कोशिशें की, लेकिन नाकाम रहा। हादसे की सूचना मिलते ही आरपीएफ, मेडिकल टीम और रेलवे के अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को जरूरी सहायता उपलब्ध कराई।

बयान में कहा गया है कि इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (साउथ सेंट्रल सर्कल) की अध्यक्षता में हाई लेवल इंक्वॉयरी कमेटी बैठाई गई है।

हादसे में मारे गए सभी मजदूर मध्य प्रदेश के शहडोल (Shahdol) और उमरिया (Umaria) जिले के थे। ये सभी महाराष्ट्र के जालना में आयरन फैक्ट्री में काम करते थे। बताया जाता है कि ये लोग औरंगाबाद से मध्यप्रदेश के लिए निकली स्पेशल ट्रेन को पकड़ना चाहते थे। उम्मीद थी कि वह भुसावल जाकर ट्रेन पकड़ लेंगे। करीब 45 किलोमीटर चलने के बाद सभी थक गए और ट्रैक पर ही आराम करने लगे। थकान की वजह से ज्यादातर लोगों को नींद आ गई और वे ट्रैक पर ही सो गए। इसी दौरान ट्रेन आ गई।