देश / कोविड-19 से मरने वाले कर्मचारियों के परिवारों के 2,800 सदस्यों को रेलवे ने दी नौकरी

भारतीय रेलवे ने कहा है कि कोविड-19 के बीच काम करने के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिवारों के 2,800 सदस्यों को नौकरी दी गई है। रेलवे के अनुसार, मृतक के नाबालिग बच्चे को 18-वर्ष की आयु पूरी होने पर नौकरी दी जाएगी। महामारी के कारण रेलवे ने विभिन्न श्रेणियों के कुल 3,256 कर्मचारियों को खोया है।

Vikrant Shekhawat : Oct 07, 2021, 12:13 PM
नई दिल्ली: कोरोना का प्रकोप भारत समेत पूरी दुनिया पर पड़ा. इस दौरान कोरोना से लड़ाई में रेलवे ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. रेलवे ने कोरोना के दौरान सभी जरूरी सामान को देश के हर हिस्से में पहुंचाया. कोरोना के कठिन वक्त पर रेलवे के कर्मचारी कार्यरत थे, रेलवे के कई कर्माचारी कोरोना से ग्रसित हुए और उनकी जान चली गई. अब रेलवे ने वैसे कर्माचारी के परिवार वालों को नौकरी देने का ऐलान किया है जिनकी जान कोरोना के कारण चली गई है.

रेलवे ने दी 2,800 सदस्यों को नौकरी

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार भारतीय रेलवे ने भारतीय रेलवे ने 2,800 से अधिक लोगों को नौकरी दी है, जो अनुकंपा के आधार पर महामारी के दौरान काम करते हुए कोविड -19 से मरने वाले कर्मचारियों के परिजन हैं. रेल मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि मृतक व्यक्तियों के नाबालिग बच्चों को 18 साल की उम्र में नौकरी मिल जाएगी.

मार्च 2020 से भारतीय रेलवे ने विभिन्न रैंकों और विभागों के 3,256 अधिकारियों को खो दिया- जो स्टेशनों, पटरियों और कार्यशालाओं में काम कर रहे थे, इनमें से 87 प्रतिशत लोगों के परिवार के सदस्यों को चार महीने के भीतर रेलवे की नौकरी मिल गई.  ज्यादातर मामलों में, यह बेटा या पत्नी है जिसने नौकरी ली है. कई अन्य मामलों में, पत्नियों ने अनुरोध किया है कि उच्च प्रोफ़ाइल के लिए पात्र होने के लिए उनकी उच्च शिक्षा पूरी होने तक उनके रोजगार को रोक कर रखा जाए। ज्यादातर नौकरियां ग्रुप डी कैटेगरी में हैं.

मुंबई स्थित मध्य रेलवे में सबसे अधिक 743 मौतें

रेलवे इस महीने तक अनुकंपा रोजगार अभियान को पूरा करने की उम्मीद कर रहा है. रेलवे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक निर्णय के अनुसार, अपने कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर प्रदर्शन लिंक्ड बोनस की भी घोषणा की.