मौसम / उत्तर भारत में 6 जनवरी से बारिश-बर्फबारी की संभावना, 19 ट्रेनें चल रहीं देरी से

देश की राजधानी दिल्ली में 119 साल का रिकॉर्ड टूटने के बाद भी सर्दी और ठिठुरन कम नहीं हो रही है। जनवरी में मौसम इससे भी खराब हो सकता है। स्काईमेट ने छह जनवरी से उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी की भविष्यवाणी की है। एक मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, रविवार तक एक छोटे से ब्रेक के बाद पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय हो जाएगा, इसके कारण छह जनवरी से आठ जनवरी तक बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।

News18 : Jan 03, 2020, 10:08 AM
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में 119 साल का रिकॉर्ड टूटने के बाद भी सर्दी और ठिठुरन कम नहीं हो रही है। जनवरी (January) में मौसम इससे भी खराब हो सकता है। स्काईमेट ने छह जनवरी से उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी (Snowfall) की भविष्यवाणी (Weather Forecast) की है। एक मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, रविवार तक एक छोटे से ब्रेक के बाद पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय हो जाएगा, इसके कारण छह जनवरी से आठ जनवरी तक बारिश और बर्फबारी (Rain and Snow) होने की संभावना है।

स्काइमेट के मुताबिक, ‘बैक-टू-बैक पश्चिमी विक्षोभ से दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों के मौसम पर प्रभाव पड़ेगा। दिसंबर की तुलना में जनवरी में सर्दी और कठोर हो सकती है। साथ ही जनवरी में रात के तापमान के अलावा दिन का तापमान भी दिसंबर की तुलना में कम हो सकता है।

शुक्रवार सुबह दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में आसमान पर हल्का से गहरा धुंध और कोहरा छाया रहा। इस वजह से विजिबिलिटी पर भी असर दिखा। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार कोहरे और लो विजिबिलिटी (कम दृश्यता) की वजह से दिल्ली से होकर गुजरने वाली और दिल्ली से शुरू होने वाली 19 ट्रेनें अपने समय से लेट चल रही हैं।

शुक्रवार सुबह AQI की स्थिति गंभीर दर्ज की गई

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के अनुसार, शुक्रवार सुबह पांच बजे दिल्ली के लोधी रोड इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की गंभीर स्थिति दर्ज की गई। यहां PM 2।5 302 जबकि PM 10 283 दर्ज किया गया।

ठंड से बिजली की मांग में 40 प्रतिशत की वृद्धि

दिल्ली में कड़ाके की ठंड की वजह से बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। साल के पहले दिन जब दिल्ली में न्यूनतम तापमान 2।4 डिग्री दर्ज किया गया, बिजली की मांग 5,343 मेगावाट के उच्च स्तर को छू गई। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) के अनुसार, एक जनवरी की सुबह 11 बजकर 11 मिनट पर बिजली की मांग 5,343 मेगावाट तक पहुंच गई। बिजली की मांग में वृद्धि के पीछे ‘मुख्य कारण’ हीटिंग लोड था और इसके कारण बिजली की मांग में 40 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी रही।