Vikrant Shekhawat : Sep 14, 2022, 07:27 PM
New Delhi : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को अपने अमेरिकी समकक्ष से फोन पर बात की। राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से सार्थक बातचीत की। रक्षा मंत्री ने बताया कि उन्होंने लॉयड से पाकिस्तान के एफ-16 बेड़े को पैकेज देने से संबंधित अमेरिकी सरकार के फैसले को लेकर चिंता जाहिर की है। बता दें कि अमेरिका ने एफ-16 विमान कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की मदद देने का ऐलान किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत अमेरिका के इस फैसले पर पहले भी आपत्ति जता चुका है लेकिन अमेरिका ने अपने इस कदम को जायज ठहराया था। अमेरिका ने क्या दिया था तर्कविमानों कि मरम्मत के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की मदद देने के फैसले को मंजूरी दी है। अमेरिका का कहना है कि यह यूएस और पाकिस्ताने के बीच द्विपक्षीय संबंधों का अहम हिस्सा है। इससे पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ अभियान चलाने में मदद मिलेगी। अमेरिका ने बताया था कि यह मदद केवल रखरखाव और मरम्मत के लिए है। कोई भी नया हथियार पाकिस्तान को नहीं दिया जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने लॉयड ऑस्टिन से आपसी रणनीतिक सहयोग और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है। इसके अलावा उन्होंने तकनीक और औद्योगिक साझेदारी को लेकर भी संबंध मजबूत करने पर बात की। वहीं रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को सहायता देने पर आपत्ति जताई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ दिन पहले अमेरिकी अधिकारी डोनाल्ड लू जब भारत दौरे पर थे, उस वक्त विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस फैसले पर आपत्ति जताई थी। द्विपक्षीय बैठक के दौरान भी यह मुद्दा उठाया गया। वहीं अमेरिका बार-बार यही कह रहा है कि आतंकरोधी अभियान के लिए यह सहायता जरूरी है। जानकारों के मुताबिक भारत का मानना है कि अमेरिका को इस बात की जानकारी देनी चाहिए थी। अमेरिका के इस फैसले का असर भारत की सुरक्षा पर पड़ सकता है। बता दें कि बीते चार साल में पहली बार अमेरिका ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता दी है। 2018 में डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को झटका दिया था और तीन अरब डॉलर के सहयोग को रद्द कर दिया था। ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान आतंक को रोकने में नाकाम रहा है इसलिए उसको सहायता नहीं दी जाएगी।