India-Russia Relation / भारत-रूस की मित्रता हिमालय से ऊंची है... पुतिन से मिलकर बोले राजनाथ

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह बैठक IRIGC-M&MTC के 21वें सत्र पर हुई। दोनों ने रक्षा सहयोग पर चर्चा की और भारत-रूस की साझेदारी को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। यह ऐतिहासिक दोस्ती वैश्विक स्तर पर मिसाल बनेगी।

Vikrant Shekhawat : Dec 11, 2024, 01:00 AM
India-Russia Relation: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मॉस्को में मुलाकात की। यह बैठक भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग आयोग (IRIGC-M&MTC) के 21वें सत्र के अवसर पर आयोजित हुई। इस दौरान राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राष्ट्रपति पुतिन को शुभकामनाएं प्रेषित कीं और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की प्रतिबद्धता दोहराई।

रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा

बैठक में भारत और रूस के रक्षा सहयोग को और सुदृढ़ करने के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। राजनाथ सिंह ने भारत और रूस के संबंधों को "हिमालय से ऊंचे और महासागरों से गहरे" बताते हुए कहा कि यह दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने हमेशा अपने रूसी साझेदारों का साथ दिया है और यह संबंध भविष्य में और मजबूत होंगे।

रक्षा मंत्री ने भारत-रूस की साझेदारी की असीम संभावनाओं पर चर्चा करते हुए इसे और व्यापक बनाने की बात कही। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में तकनीकी सहयोग, संयुक्त उत्पादन, और रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया।

द्विपक्षीय सहयोग की नई ऊंचाइयां

राष्ट्रपति पुतिन और राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने पर सहमति जताई। दोनों नेताओं ने साझा प्रयासों के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हासिल करने की उम्मीद जताई। यह बैठक केवल द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए नहीं, बल्कि सामरिक साझेदारी को और व्यापक रूप से उन्नत करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

ऐतिहासिक साझेदारी की नई दिशा

भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए, इस बैठक को सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत-रूस का यह रक्षा सहयोग वैश्विक स्तर पर भी एक नई मिसाल कायम करने की क्षमता रखता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध न केवल द्विपक्षीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी फायदेमंद होंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत-रूस की साझेदारी आने वाले समय में एक नए युग की शुरुआत करेगी।

निष्कर्ष

यह बैठक भारत और रूस के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुई। दोनों देशों ने न केवल अपने ऐतिहासिक संबंधों को दोहराया, बल्कि रक्षा क्षेत्र में नई संभावनाओं की तलाश करने का संकल्प भी लिया। यह मुलाकात भारत-रूस संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने और उन्हें वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।