Parliament Winter Session / संविधान पर दो दिवसीय चर्चा, राजनाथ सिंह बोले- कुछ लोगों ने संविधान को हाईजैक कर लिया है

लोकसभा के शीतकालीन सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर चर्चा शुरू की। उन्होंने संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी और कहा कि यह राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है। चर्चा शनिवार तक चलेगी, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी जवाब देंगे।

Vikrant Shekhawat : Dec 13, 2024, 01:00 PM
Parliament Winter Session: लोकसभा के शीतकालीन सत्र में इस बार संविधान पर गहरी चर्चा शुरू की गई है, जो दो दिन तक चलेगी। इस चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिन्होंने संविधान के महत्व और इसके इतिहास को सदन के समक्ष रखा। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था, और इस अवसर पर सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने संविधान को अपनाने के 75 वर्षों की महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में बताया और इसे न केवल एक कानूनी दस्तावेज बल्कि राष्ट्र निर्माण के एक मजबूत आधार के रूप में प्रस्तुत किया।

राजनाथ सिंह ने संविधान के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन पर प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संविधान भारत के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। उनके अनुसार, यह संविधान राष्ट्र निर्माण की दिशा में मार्गदर्शक है और भारत को एक साथ जोड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

संविधान पर चर्चा का महत्व

संविधान पर यह बहस शनिवार तक जारी रहेगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपने उत्तर देंगे। भाजपा की तरफ से इस चर्चा में 12 से 15 नेता शामिल होंगे। वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित अन्य नेता संविधान पर अपने विचार रखेंगे। इस चर्चा का महत्व इस संदर्भ में और बढ़ जाता है क्योंकि यह संविधान को लेकर आम जनता में जागरूकता फैलाने का एक अच्छा अवसर है।

संविधान के 'हाइजैक' पर टिप्पणी

राजनाथ सिंह ने अपनी बातों में यह भी कहा कि कुछ वर्षों से देश में एक ऐसा माहौल बनाया गया है, जिसमें संविधान को एक खास वर्ग से जोड़ा गया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि संविधान निर्माण में बहुत से महान व्यक्तियों की भूमिका को जानबूझकर नकारा गया। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के निर्माण को कुछ विशेष दलों ने 'हाईजैक' करने की कोशिश की है। उनका कहना था कि संविधान स्वाधीनता संग्राम से निकला हुआ अमृत है, और यह सभी भारतीयों का है।

राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने संविधान को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ स्वीकार किया है और इसके मूल्यों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना से काम कर रही है, जो संविधान की मूल भावना के अनुरूप है।

कांग्रेस का प्रतिनिधित्व

कांग्रेस की ओर से इस चर्चा में 2 घंटे 20 मिनट का समय तय किया गया है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भाग लेंगे। यह प्रियंका गांधी का संसद में पहला भाषण होगा, जो इस बहस को और भी रोचक बना देगा। कांग्रेस ने पार्टी के सभी सांसदों को दोनों दिन सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया है, ताकि इस चर्चा में उनकी पूरी भागीदारी हो।

कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खरगे संविधान पर बहस की शुरुआत करेंगे, और पार्टी ने संविधान दिवस पर अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है।

संविधान की भूमिका

संविधान दिवस की इस चर्चा में यह साफ हो रहा है कि भारत का संविधान एक मात्र कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज के प्रत्येक पहलू को नियंत्रित करने वाला एक मार्गदर्शक सिद्धांत है। राजनाथ सिंह की टिप्पणी से यह संदेश भी मिलता है कि संविधान का उद्देश्य किसी एक वर्ग या पार्टी का नहीं, बल्कि समग्र देशवासियों का है।

इस बहस के माध्यम से सरकार और विपक्ष दोनों पक्षों के विचारों का आदान-प्रदान होगा, जिससे भारतीय संविधान के महत्व और उसकी वर्तमान भूमिका को समझने का बेहतर अवसर मिलेगा। इस चर्चा के परिणामस्वरूप संविधान को लेकर नागरिकों में जागरूकता और समझ बढ़ेगी, जो लोकतंत्र की मज़बूती के लिए आवश्यक है।