Parliament Session / आज भी संसद में हंगामे के आसार, नीले कपड़े पहनकर आएंगे विपक्षी सांसद

संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी सांसदों द्वारा गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर विरोध जारी है। शाह ने विपक्ष पर बाबा साहेब अंबेडकर के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था, जिसे विपक्ष ने अपमान बताया। नागपुर में प्रदर्शन और राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव की तैयारी जारी है।

Vikrant Shekhawat : Dec 19, 2024, 10:40 AM
Parliament Session: संसद के शीतकालीन सत्र में आज (19 दिसंबर) भी भारी हंगामे की संभावना है। बुधवार को विपक्षी सांसदों के भारी विरोध और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी। आज भी विपक्षी दलों ने संसद भवन के भीतर जोरदार प्रदर्शन की तैयारी कर रखी है।

अमित शाह के बयान पर विवाद

गृहमंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शाह ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया था कि वे बाबा साहेब के नाम का इस्तेमाल केवल राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं। इसके जवाब में विपक्ष का कहना है कि गृह मंत्री ने अंबेडकर का अपमान किया है। इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी है।

नागपुर में विरोध प्रदर्शन

डॉ. भीमराव अंबेडकर पर गृहमंत्री की टिप्पणी को लेकर नागपुर में भी विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। संविधान चौक पर कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के नेता भारी संख्या में जुटे हैं। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में अंबेडकर के पोस्टर लिए हुए नारेबाजी की। पुलिस ने इस विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव

कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अमित शाह की टिप्पणी के खिलाफ नियम-267 के तहत राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए विपक्ष ने जोरदार विरोध की योजना बनाई है।

विपक्ष का अनोखा प्रदर्शन

इंडिया ब्लॉक के सांसद आज नीले कपड़े पहनकर डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा से संसद भवन के मकर द्वार तक मार्च करेंगे। सुबह 10:15 बजे संसद परिसर में विपक्षी सांसद विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन बाबा साहेब के प्रति सम्मान जताने और गृहमंत्री के बयान के खिलाफ विरोध का प्रतीक है।

सत्र का अंतिम दिन

शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होने वाला है। सत्र के समापन से पहले विपक्ष सरकार पर अंबेडकर के मुद्दे और अन्य ज्वलंत विषयों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।

निष्कर्ष

संसद के शीतकालीन सत्र का यह दौर राजनीतिक उठापटक से भरा हुआ है। विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच टकराव के कारण संसद की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है। गृहमंत्री के बयान और विपक्ष के विरोध ने इस सत्र को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में यह विवाद कैसे सुलझता है।