लाइफस्टाइल / 20 अगस्त को रक्षा पंचमी, जो बहनें रक्षाबंधन को नहीं बांध पाईं राखी उनके लिए ये दिन शुभ

भाई-बहन का पावन त्योहार रक्षाबंधन 15 अगस्त को मनाया गया था। बहने बड़े ही प्यार के साथ भाईयों को राखी बांध कर रक्षा का वचन लेती हैं। कई बार होता है किसी कारणवश या फिर किसी समस्या के कारण बहन भाई को राखी नहीं बांध पाती है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी को रक्षा पंचमी होती है जिसे शांति पंचमी भी कहा जाता है। भाई या बहन रक्षाबंधन के दिन रक्षासूत्र बंधवाने में असमर्थ रहे हो, वो रक्षा पंचमी के दिन राखी बंधवा सकते हैं।

India TV : Aug 19, 2019, 06:33 PM
Raksha Panchami 2019: भाई-बहन का पावन त्योहार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) 15 अगस्त को मनाया गया था। इस दिन बहने बड़े ही प्यार के साथ भाईयों को राखी बांध कर रक्षा का वचन लेती हैं। कई बार होता है किसी कारणवश या फिर किसी समस्या के कारण बहन भाई को राखी नहीं बांध पाती है।

हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी को रक्षा पंचमी होती है जिसे शांति पंचमी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भाई या बहन रक्षाबंधन के दिन रक्षासूत्र बंधवाने में असमर्थ रहे हो, वो रक्षा पंचमी के दिन राखी बंधवा सकते हैं।

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भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है - ‘मयि सर्वमिदं प्रोतं सूत्रे मणिगणा इव’ यानि ‘सूत्र’ न बिखरने का प्रतीक है क्योंकि सूत्र बिखरे हुए मोतियों को अपने में पिरोकर एक माला के रूप में उन्हें एक करता है और माला के सूत्र की ही तरह रक्षासूत्र भी रिश्तों को जोड़ने का काम करता है।

रक्षा पंचमी के दिन गणपति जी के हरिद्रा रूप का पूजन करने का विधान है और इनकी पूजा दूर्वा और सरसों से की जाती है। माना जाता है कि हरिद्रा रूपी गणेश जी की विधि विधान से पूजा करने से शत्रु पर काबू पाया जा सकता है। हरिद्रा का अर्थ होता है हल्दी। जिसका इस्तेमाल हिंदू संस्कृति में सभी शुभ व मंगल कार्यों में किया जाता है। हल्दी सुख-सौभाग्य देने वाली है तो साथ ही कई रोगों का भी नाथ करती है। ठीक उसी तरह हरिद्रा गणपति की पूजा से जीवन में सुख समृद्धि व खुशहाली तो आती ही है साथ ही रोगों से छुटकारा भी मिलता है।