नई दिल्ली / राम मंदिर का काम पूरा हुआ, मेरा राजनीति से संन्यास लेने का समय आ गया है: गिरिराज

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि उनका राजनीति से संन्यास लेने का समय आ गया है और देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनने के बाद वह संन्यास ले लेंगे। बकौल गिरिराज, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और जनसंख्या नियंत्रण उनके राजनीति में आने के दो मुख्य कारण थे। उन्होंने कहा, "राम मंदिर..का मेरा काम पूरा हो चुका है।"

Jansatta : Nov 17, 2019, 10:28 AM
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सक्रिय राजनीति से जल्द संन्यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर स्थापना का काम तो पूरा हो गया है। अब उनका राजनीति में क्या काम? हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बन जाएगा, तब वो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। बिहार के कटिहार में पूर्व सांसद निखिल चौधरी के घर पहुंचे केंद्रीय मंत्री से जब पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने जवाब में ये बातें कहीं।

जब सिंह से बिहार के मुख्यमंत्री बनने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनमें इस पद के लायक काबिलियत नहीं है। उन्होंने सीएम पद की रेस से खुद को बाहर करार दिया। बता दें कि गिरिराज सिंह जनसंख्या कानून बनाने की मांग कर चुके हैं और इसके लिए वो मेरठ से दिल्ली तक मार्च भी कर चुके हैं।

सिंह ने बीजेपी का नारा भी गुनगुनाया जो दशकों से गाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि जहां बलिदान मुखर्जी हुए, वो कश्मीर हमारा है। उनका इशारा कश्मीर से धारा 370 हटाने, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने की तरफ था। केंद्रीय मंत्री ने जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति तोड़े जाने पर नाराजगी जाहिर की और पूछा कि अवार्ड वापसी और टुकड़े-टुकड़े गैंग आज कहां हैं?

बिहार में अगले साल यानी नवंबर 2020 में विधान सभा चुनाव होने हैं। एनडीए में बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्ते सामान्य नहीं है। बावजूद इसके बीजेपी नेतृत्व ने पिछले दिनों यह कहकर विवाद शांत करने की कोशिश की थी कि बिहार में विधान सभा चुनाव नीतीश कुमार की अगुवाई में ही लड़ा जाएगा।

बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्तों में सीटों के बंटवारे को लेकर कड़वाहट आई थी लेकिन अमित शाह ने अधिक सीट देकर नीतीश कुमार की नाराजगी दूर कर दी थी। फिलहाल सियासी हलकों में चर्चा है कि अगर बीजेपी ने बिहार चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया तो जेडीयू से अलग राह भी अपना सकती है।