देश / कोई सबूत नहीं मिला: ₹2 करोड़ की ज़मीन ₹18 करोड़ में खरीदने के आरोप पर राम मंदिर ट्रस्ट

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ज़मीन सौदों में अनियमितता के आरोप से खुद को क्लीन चिट देते हुए कहा कि दस्तावेज़ों की जांच करने वाले विशेषज्ञों को कोई सबूत नहीं मिला। कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने कहा कि सभी दस्तावेज़ों में पूरी पारदर्शिता दिखी है। ट्रस्ट पर ₹2 करोड़ की ज़मीन ₹18.5 करोड़ में खरीदने का आरोप है।

Vikrant Shekhawat : Jul 02, 2021, 01:29 PM
अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट पर लगे जमीन खरीद घोटाला पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने क्लीन चिट दे दी है। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्ददेव गिरी जी महाराज ने मणिराम दास छावनी में प्रेसवार्ता के दौरान आप के सांसद संजय सिंह की ओर से जमीन खरीद पर लगाए गए घोटाले के आरोपों को निराधार बताया।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने बताया कि कि कुछ विरोधी राजनीतिक तत्वों ने मंदिर निर्माण में बाधा पहुंचाने के लिए भ्रम का माहौल बनाने का काम किया। जिस पर धर्माचार्यों के फोन मेरे पास आए तो मैं खुद तीन दिनों से जमीन खरीद के कागजों की पड़ताल कर रहा हूं। सीए वह वकीलों की टीम ने जमीन खरीद के सारे कागजात का परीक्षण किया। जिसमें कहीं भी कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। जितनी जमीन खरीदी गई है, सब नियमों के तहत है, लेकिन मैं इसका मीडिया ट्रायल नहीं करना चाहता हूं। कंपीटेंट अथारिटी जब इसके बारे में जानकारी चाहेगी तो उसे जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि हम सारे आरोपों को खारिज करते हैं। मंदिर के परकोटा के मुताबिक, जमीन की कमी पूरा करने और इसकी भव्यता के लिए जमीन खरीदी गई है।

उन्होंने बताया कि सभी ट्रस्ट के सदस्य ने खरीदी गई जमीन के बारे में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के समक्ष तथ्य रखा। उनकी सहमति के बाद यह निष्कर्ष निकला कि जमीन खरीद में कोई अनियमितता और घोटाले जैसा कुछ नहीं है।

उपसमिति बनी

राम मंदिर की जमीन खरीद के लिए अब एक उप समिति गठित कर दी गई है। जिसमें अयोध्या के मंदिर के ट्रस्टियों को रखा गया है। जिनकी सहमति पर जमीन की खरीद होगी। इस उप समिति के सदस्य ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, महंत दिनेन्द्र दास, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉ. अनिल मिश्र और महासचिव चंपत राय को बनाया गया है।