Cyclone Biparjoy / सौराष्ट्र और कच्छ के तटवर्ती इलाकों में रेड अलर्ट, बिपारजॉय का दिखने लगा असर

चक्रवात बिपारजॉय कच्छ से 290 किमी दूर है. तूफान 15 जून को शाम 5 बजे के आसपास लैंडफॉल करेगा. सभी संभावित प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. कच्छ और द्वारका में अधिक वर्षा की संभावना है. अबतक 50 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बिजली कर्मचारियों की 200 टीमें लगाई गई हैं. बिजली पोल, डामर का स्टॉक तैयार कर लिया गया है. सभी खतरे वाली जगहों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंच गई

Vikrant Shekhawat : Jun 14, 2023, 01:16 PM
Cyclone Biparjoy: अरब सागर के पूर्वोत्तर इलाके में उठा चक्रवाती तूफान अब बहुत गंभीर हो चला है। पिछले 6 घंटों के दौरान यह 3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार साथ उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है। आज सुबह यह तूफान जखाऊ पोर्ट (गुजरात) से 280 किमी दूर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था। वहीं देवभूमि द्वारका से यह 290 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है। 

लगातार आगे की ओर बढ़ रहा है तूफान

यह तूफान गुजरात के तटवर्ती इलाके नलिया से 350 किमी पश्चिम-उत्तर पश्चिम में, पोरबंदर से 350 किमी पश्चिम-उत्तर पश्चिम में और पाकिस्तान के कराची से करीब 340 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है। यह तूफान लगातार आगे की ओर बढ़ रहा है। 

कल शाम लैंडफॉल के आसार

यह तूफान उत्तर पूर्व की ओर बढ़ते हुए सौराष्ट्र और कच्छ को पार करेगा। 15 जून की शाम को मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच जखाऊ पोर्ट (गुजरात) पर इस तूफान का लैंडफॉल होने की संभावना है। 

कच्छ से 290KM दूर, NDRF तैनात, बिजलीकर्मियों की 200 टीमें काम पर

चक्रवात बिपारजॉय कच्छ से 290 किमी दूर है. तूफान 15 जून को शाम 5 बजे के आसपास लैंडफॉल करेगा. सभी संभावित प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. कच्छ और द्वारका में अधिक वर्षा की संभावना है. अबतक 50 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बिजली कर्मचारियों की 200 टीमें लगाई गई हैं. बिजली पोल, डामर का स्टॉक तैयार कर लिया गया है. सभी खतरे वाली जगहों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंच गई हैं. संचार के लिए सैटेलाइट फोन और हैम रेडियो की टीमें भी तैयार रखी गई हैं. द्वारका में सबस्टेशन क्षतिग्रस्त हो गया, जिसे घंटों बाद बहाल किया गया.

Cyclone Biparjoy का खतरा, गुजरात में 47000 लोग किए गए शिफ्ट

चक्रवात बिपारजॉय के संभावित खतरे की वजह से गुजरात में हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. चक्रवात का सबसे ज्यादा असर कच्छ में देखा जा रहा है. यहां 17,739 लोगों को शिफ्ट किया गया है. इनके अलावा जामनगर में भी 8,542 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा. गुजरात सरकार ने विस्थापित लोगों के लिए सैकड़ों राहत शिविर स्थापित किए हैं. कुल 47,113 लोग विस्थापित हुए हैं. जूनागढ़ – 4,462, पोरबंदर – 3,469, द्वारका – 4,863, मोरबी – 1,936, राजकोट – 4,497 लोग शिफ्ट किए गए हैं.

सूरत में चक्रवात बिपारजॉय का असर, तेज हवाओं से गिरे पेड़, युवक की बची जान

चक्रवात बिपारजॉय का सूरत में गंभीर असर देखा जा रहा है. सूरत में कई स्थानों पर तेज हवा की वजह से पेड़ उखड़ गए. चक्रवात तूफान में अंजना फार्म के पास कई पेड़ गिरे हैं. एक युवक मोबाइल फोन पर बात कर रहा था, तभी उसपर पेड़ गिर गया. गनीमत रही कि युवक की जान बच गई. पूरी घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई. इस बीच मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इमरजेंसी मीटिं की. आईएमडी ने अब ऑरेंज के बदले सौराष्ट्र-कच्छ तट पर रेड अलर्ट जारी किया है.

गुजरात में सबसे ज्यादा खतरा, 1998 के चक्रवात में 10 हजार की हुई थी मौत

चक्रवात बिपारजॉय का खतरा बरकरार है. कल, 15 जून की शाम यह गुजरात तट तक पहुंचेगा. मौसम विभाग की मानें तो चक्रवात की वजह से तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है. भारी बारिश होगी और 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती है. लोगों की मदद के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं. सभी खतरे वाले मोर्चे पर एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं. इससे पहले गुजरात में 1998 में भी आए चक्रवात में 10 हजार लोग मारे गए थे.