Vikrant Shekhawat : May 31, 2021, 02:11 PM
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने 52 कॉलेजों के छात्र संघ के साथ मिलकर रविवार को ऑनलाइन जनरल बॉडी मीटिंग की। जिसमें छात्रों के मुद्दे प्रमुखता से उठाए गए। डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया ने बताया कि बैठक का उद्देश्य छात्रों के साथ आए कई मुद्दों पर चर्चा करना और समाधान के साथ आना और मांग और छात्रों की चिंता को डीयू और कॉलेज के अधिकारियों तक पहुंचाकर उनका समाधान करना था।इसमें कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बात पर सहमति बनी कि ओपन बुक परीक्षा के तहत परीक्षा देने छात्रों को अपना असाइनमेंट जमा करने का एक और मौका दिया जाना चाहिए और उपस्थिति असाइनमेंट के मूल्यांकन के अनुपात में नहीं होनी चाहिए। यह भी ध्यान में रखा गया था कि अंतिम वर्ष के छात्र जो अभी ओबीई नहीं दे पाएंगे, उन्हें एक और मौका दिया जाना चाहिए, इसलिए ओबीई दो चरणों में आयोजित किया जाना चाहिए। एक आम राय यह भी थी कि ओबीई देने वाले छात्रों के लिए परीक्षा शुल्क में 100 फीसदी रियायत होनी चाहिए। जिन लोगों ने अपने माता-पिता या अभिभावकों को खो दिया है, उनके लिए फीस वापस करने के कदम विश्वविद्यालय द्वारा उठाए जाने चाहिए। दृष्टिहीन छात्र-लेखक की फीस स्वीकृत नहीं किये जाने तथा ओपन बुक परीक्षा के लिए दो विकल्प देने पर चर्चा हुई। ओबीई में परिणाम अस्पष्टता के बिंदु जो उभर सकते हैं और पूर्व छात्र को एक अतिरिक्त मौका मिलने पर भी विचार किया गया।डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया, उपाध्यक्ष प्रदीप तंवर और संयुक्त सचिव शिवांगी खरवाल ने एक संयुक्त बयान में कहा हम डीयू के प्रत्येक छात्र तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं और सुनिश्चित करेंगे कि हर एक छात्र की चिंता को दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के ध्यान में रखा जाए । अब हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर तरह से काम करेंगे कि सभी शिकायतों का पूरी तरह से समाधान किया जा सके।