Vikrant Shekhawat : Oct 13, 2021, 09:36 AM
नई दिल्ली: महंगाई के मोर्चे पर एक राहत देने वाली खबर आई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर सितंबर में घटकर 4.35% पर आ गई है। जबकि एक महीना पहले अगस्त में महंगाई दर 5.3% थी। पिछले 10 महीने में ये मंहगाई का सबसे कम स्तर है। खुदरा महंगाई दर में कमी की सबसे बड़ी वजह है खाने-पीने की चीजों के दाम में कमी आना है। खुदरा महंगाई दर के आंकड़े नेशनल स्टैटिकल ऑफिस (एनएसओ) की ओर जारी किए गए हैं।कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (सीएफपीआई) सितंबर में 0.68% था जो सितंबर में घटकर 3.11% पर आ गया। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान को 5.7 फीसदी के पिछले अनुमान से घटाकर 5.3 फीसदी कर दिया है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।अगस्त में, उच्च आधार प्रभाव के साथ खाद्य कीमतों में नरमी के कारण सीपीआई मुद्रास्फीति दर चार महीने के निचले स्तर 5.3 प्रतिशत पर आ गई थी। इसके विपरीत खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर 2020 में आठ महीने के उच्च स्तर 7.34 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जो मुख्य रूप से उच्च खाद्य मुद्रास्फीति से प्रेरित थी।सरकारी आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में अगस्त में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। जो जुलाई के महीने में 11.50 फीसदी था। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स में तेजी से साफ पता चल रहा है कि आर्थिक गतिविधियों में बहुत तेजी से सुधार हो रहा है।अगस्त 2021 में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत रही। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में खनन क्षेत्र का उत्पादन 23.6 प्रतिशत और बिजली क्षेत्र का 16 प्रतिशत बढ़ा। अगस्त 2020 में औद्योगिक उत्पादन 7.1 प्रतिशत घटा था। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में आईआईपी में 28.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में आईआईपी में 25 प्रतिशत की गिरावट आई थी। कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है। उस समय इसमें 18.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी।