Dainik Bhaskar : Nov 26, 2019, 09:48 AM
कोच्चि- महाराष्ट्र की सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए मंगलवार सुबह केरल के कोच्चि एयरपोर्ट पहुंचीं। उनके साथ इसी साल जनवरी में मंदिर में दर्शन कर चुकीं बिंदु अम्मिनी भी हैं। पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर बिंदु के चेहरे पर अज्ञात हमलावर ने मिर्च पाउडर फेंक दिया। 16 नवंबर को मंदिर के कपाट मंडल पूजा उत्सव के लिए खोले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिए जाने का आदेश दिया था। हालांकि, इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाओं पर 7 जजों की बड़ी बेंच सुनवाई करेगी।भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक तृप्ति ने कहा, आज संविधान दिवस है और हम सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए आए हैं। हमें राज्य सरकार या पुलिस कोई नहीं रोक सकता। यदि रोका जाएगा, तो हम अदालत में अवमानना की अपील दायर करेंगे। मैं अपनी यात्रा के बारे में मुख्यमंत्री और डीजीपी को पहले ही बता चुकी हूं। अब उनका कर्तव्य है कि वे हमें सुरक्षा प्रदान करें। हाल ही में तृप्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा था।
16 नवंबर को मंदिर के कपाट खुले-
सबरीमाला मंदिर के कपाट करीब दो महीने तक खुले रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद अब तक दो बार मंदिर के पट खोले गए हैं। लेकिन, हिंसक विरोध के चलते कोई भी ऐसी महिला मंदिर में दर्शन करने नहीं जा सकी है, जिसकी उम्र 12-50 वर्ष के बीच हो।केरल सरकार महिलाओं के खिलाफ काम कर रही-
तृप्ति ने 16 नवंबर को कहा था, सरकार ने महिलाओं को सुरक्षा नहीं देने की बात कही थी, इसीलिए वे बिना सुरक्षा के सबरीमाला जा रही हैं। अब पुलिस के द्वारा उन्हें रोका जा रहा है। सरकार पूरी तरह से महिलाओं के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने कहा था कि 2018 में सबरीमाला पर दिए फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। सरकार हमें सुरक्षा मुहैया कराए या नहीं, हम 20 नवंबर के बाद वहां जाएंगे। जो यह कहते हैं कि हमें पुलिस सुरक्षा के लिए कोर्ट से आदेश लाना चाहिए। वे कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं।
16 नवंबर को मंदिर के कपाट खुले-
सबरीमाला मंदिर के कपाट करीब दो महीने तक खुले रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद अब तक दो बार मंदिर के पट खोले गए हैं। लेकिन, हिंसक विरोध के चलते कोई भी ऐसी महिला मंदिर में दर्शन करने नहीं जा सकी है, जिसकी उम्र 12-50 वर्ष के बीच हो।केरल सरकार महिलाओं के खिलाफ काम कर रही-
तृप्ति ने 16 नवंबर को कहा था, सरकार ने महिलाओं को सुरक्षा नहीं देने की बात कही थी, इसीलिए वे बिना सुरक्षा के सबरीमाला जा रही हैं। अब पुलिस के द्वारा उन्हें रोका जा रहा है। सरकार पूरी तरह से महिलाओं के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने कहा था कि 2018 में सबरीमाला पर दिए फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। सरकार हमें सुरक्षा मुहैया कराए या नहीं, हम 20 नवंबर के बाद वहां जाएंगे। जो यह कहते हैं कि हमें पुलिस सुरक्षा के लिए कोर्ट से आदेश लाना चाहिए। वे कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं।