Vikrant Shekhawat : Dec 24, 2021, 07:36 AM
'अतरंगी रे' की कहानी ऐसी सतरंगी है कि आपके दिमाग का घनचक्कर होना तय है. जितना मजा इस मूवी में आता है, जितने ठहाके देखने वाले लगाते हैं, उतने ही स्टोरी उन्हें घुमा देने वाली है. ऐसे में कुछ अलग की उम्मीद कर रहे लोगों को ये मूवी काफी पसंद आने वाली है, लेकिन सीधी सादी रोमांटिक, म्यूजिकल लव स्टोरी समझकर आने वालों को कुछ झटके भी लग सकते हैंफिल्म- अतरंगी रेडायरेक्टर- आनंद एल रॉयरिलीज की तारीख- 24 दिसम्बरस्टार कास्ट- अक्षय कुमार, सारा अली खान, धनुष, सीमा विश्वास, आशीष वर्मा आदिकहां देख सकते हैं- डिज्नी हॉट स्टार परस्टार रेटिंग- 3.5कहानी है फिल्म की जानइस मूवी के रिव्यू करने में एक दिक्कत ये हैं कि स्टोरी ही इस मूवी की जान है, और कुछ भी लिखते समय उसके खुल जाने का डर है. फिर भी सामान्य तौर पर स्टोरी है एक ऐसी बिंदास लड़की रिंकू सूर्यवंशी (सारा अली खान) की, जिसके माता पिता नहीं है, वो 14 साल की उम्र से 24 साल की उम्र तक घर से 7 बार अपने उस आशिक के साथ घर से भाग चुकी है, जिसे कोई पहचानता ही नहीं. ये कहानी बिहार के सीवान जिले में बुनी गई है, रिंकू की हरकतों से परेशान नानी और उसके मामा उसको नशीली दवा की डोज देकर उसका पकड़वा विवाह करवा देते हैं, दिल्ली में MBBS की पढ़ाई कर रहे विशु (धनुष) के साथ. जिसकी उसी हफ्ते अपनी प्रेमिका से सगाई होने वाली है. तब वो उसे अपने आशिक और पेशे से जादूगर सज्जाद अली (अक्षय कुमार) के बारे में बताती है. सब गोलमाल हैलेकिन 'अतरंगी रे' इस फार्मूले पर बनी है कि जो होता है, वो दिखता नहीं है और जो दिखता है वो होता नहीं है. इस मूवी को देखकर कभी ' लगे रहो मुन्नाभाई ' की याद आएगी तो कभी जया बच्चन की मूवी ' गुड्डी ' की, या फिर कॉमेडी मूवी गोलमाल सीरीज ' गोलमाल अगेन ' की.दमदार डायलॉग जीतेंगे दिल आपको बताएं कि इस मूवी का मजबूत पक्ष क्या है? तो स्क्रीन प्ले और डायलॉग इस मूवी की जान हैं, ' हम हनुमान जी का प्रसाद नहीं जो किसी ने हाथ बढ़ाया और उसे मिल गया.. हम तो शिवजी का धतूरा हैं, मुंह से जाएंगे तो फिर पीछे से ही बाहर आएंगे '. सबसे ज्यादा मारक डायलॉग्स सारा के ही हिस्से आए हैं. हिमांशु शर्मा को इन सबका क्रेडिट जाता है, हिमांशु ने स्थानीय स्टाइल को पकड़ते हुए शब्दों की बाजीगरी दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. कई सारे कॉमिक सीक्वेंस मूवी में आपकी दिलचस्पी लगातार बनाए रखते हैं.सभी ने किया जबरदस्त काम सारा का किरदार भी ऐसा रचा गया है कि अक्षय और धनुष जैसे मंझे कलाकारों के बीच भी फिल्म की हीरो वही लगती हैं, ऐसा लगता है कि वो ' चमेली की शादी ' की चमेली और ' मर्द ' की रुबिया को टक्कर देने के लिए इस मूवी में उतरी हैं. वही बिंदास अंदाज, वही बेपरवाह सी लड़की, जिसे घरवालों की किसी भी धमकी से डर नहीं लगता, आप ये भी कह सकते हैं कि वो अमृता सिंह पर भी भारी पड़ गई हैं. सबसे खास बात है डायरेक्टर आनंद एल राय ने बावजूद सारा के दमदार रोल के ना धनुष के किरदार को कमजोर किया है और ना ही अक्षय के. बल्कि सारा की दादी के किरदार में सीमा विश्वास और धनुष के दोस्त के रोल में आशीष वर्मा को भी भरपूर स्पेस दिया है.धनुष ने दिलाई रांझणा की याद धनुष हमेशा की तरह सदाबहार हैं, वही 'रांझणा' वाले कुंदन जैसे धीमे-धीमे हिंदी बोलने वाला तमिल लड़का, जो इंटेंस लव में भरोसा करता है. अक्षय का रोल शुरू में गेस्ट रोल जैसा दिखेगा, लेकिन बाद में आपको लगेगा कि 'गॉड तुसी ग्रेट हो के लीड रोल जैसा रोल है उनका, खासतौर पर क्लाइमेक्स में अक्षय चरम पर हैं. उन्होंने ये रोल शायद अपनी प्रयोगधर्मी आदत के तौर पर कुबूला है.गाने भी हैं जबरदस्तफिल्म का एक और मजबूत पक्ष है, वो है ए आर रहमान का म्यूजिक और इरशाद कामिल के गीत, 'जीरो' में मात खा चुके आनंद एल रॉय ने धनुष, रहमान और इरशाद की तिगड़ी पर फिर से हाथ आजमाया है, काफी हद तक 'रांझणा' जैसा ही म्यूजिक है. चकाचक, गरदा और लिटिल लिटिल जैसे गीत आपको पसंद आएंगे, अच्छी तरह फिल्माए भी गए हैं. मूवी में जितने भी सैट लगाए गए हैं, उनके लिए भी सैट डिजाइनर और प्रोडक्शन टीम की तारीफ बनती है.