राजनीति / सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाण-पत्र को रद्द करने के एचसी के फैसले पर एससी ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षित लोकसभा सीट अमरावती (महाराष्ट्र) से निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा के जाति प्रमाण-पत्र को रद्द करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इससे पहले 9 जून को हाईकोर्ट ने कहा था कि राणा ने फर्ज़ी दस्तावेज़ों के ज़रिए जाति प्रमाण-पत्र हासिल किया था। राणा पर ₹2 लाख का जुर्माना भी लगा था।

Vikrant Shekhawat : Jun 22, 2021, 04:33 PM
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के अमरावती से लोकसभा सांसद नवनीत कौर राणा को राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. दरअसल, सांसद नवनीत कौर राणा के जाति प्रमाण पत्र को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था. शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया था.

पिछले दिनों ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवनीत कौर राणा का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था. कोर्ट की ओर से नवनीत राणा पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. कोर्ट ने फर्जी सर्टिफिकेट को जमा करने के लिए कहा था, ऐसे में अब उनकी सांसदी में संकट आ गई थी, क्योंकि अमरावती लोकसभा सीट SC के लिए आरक्षित थी. 

याचिका में क्या लगाया गया था आरोप?

शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है. आनंदराव का आरोप था कि नवनीत कौर राणा ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर यहां से लोकसभा का चुनाव जीता था.  नवनीत राणा के सर्टिफिकेट को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर की गई थी. 

याचिका में दावा किया गया था कि नवनीत राणा मूलत: पंजाब से आती हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि वह लबाना जाति से आती हैं, जो कि महाराष्ट्र में SC की श्रेणी में नहीं आती हैं. ऐसे में उन्होंने फर्जी तरीके से अपना जाति का सर्टिफिकेट बनवाया, नवनीत राणा पर स्कूल के फर्जी डॉक्यूमेंट्स दिखाकर सर्टिफिकेट बनाने का आरोप लगा. 

अमरावती से सांसद नवनीत राणा संसद के सत्र के दौरान लगातार चर्चा में बनी रहती हैं. बीते संसद के सत्र में जब महाराष्ट्र में घटे एंटीलिया केस को लेकर विवाद हुआ था, तब नवनीत राणा ने केंद्र सरकार का पक्ष लिया था और राज्य की उद्धव सरकार पर जमकर निशाना साधा था. 

नवनीत राणा ने इसके बाद आरोप लगाया था कि उन्हें शिवसेना के नेताओं की ओर से धमकी मिली थी. नवनीत राणा ने इस विषय को लोकसभा स्पीकर, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के सामने उठाया था. एक बार फिर वो विवादों में हैं और इस बार उनकी लोकसभा सीट खतरे में नजर आ रही है.