दुनिया / स्कॉटलैंड की बड़ी पहल, पीरियड प्रोडक्टस को मुफ्त करने वाला दुनिया का पहला देश बना

दुनिया में ऐसे बहुत कम जगहें ऐसी हैं जहां पीरियड्स के बारे में खुलकर बात होती है। ज्यादातर जगहों में इस पर विषय अभी भी छुप-छुप कर बात होती है। ऐसे में स्कॉटलैंड ने एक बेहतरीन काम किया है। स्कॉटलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने पीरियड संबंधी सभी प्रोडक्टस को मुप्त कर दिया है। स्कॉटिश संसद ने पीरियड प्रोडक्टस को लेकर एक बिल पास किया है।

Vikrant Shekhawat : Nov 25, 2020, 10:24 PM
स्कॉटलैंड | दुनिया में ऐसे बहुत कम जगहें ऐसी हैं जहां पीरियड्स के बारे में खुलकर बात होती है। ज्यादातर जगहों में इस पर विषय अभी भी छुप-छुप कर बात होती है। ऐसे में स्कॉटलैंड ने एक बेहतरीन काम किया है। स्कॉटलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने पीरियड संबंधी सभी प्रोडक्टस को मुप्त कर दिया है। स्कॉटिश संसद ने पीरियड प्रोडक्टस को लेकर एक बिल पास किया है। चार सालों से चल रहे एक आंदोलन के बाद यह कदम शानदार पहल की गई है। इस बिल का नाम पीरियड प्रोडक्टस (फ्री प्रोविजन) (स्कॉटलैंड) एक्ट को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है। अब लीगल अथोरिटीज के लिए जरूरतमंद लोगों को ये सामान उपलब्ध करना जरूरी है।

यह नॉर्थ आयरशायर काउंसिल के पहले से किए जा रहे काम पर आधारित होगा। इस जगह पर 2018 से ही सार्वजनिक इमारतों में टैम्पॉन और सैनिटरी नैपकिन मुफ्त में उपलब्ध कराए जा रहे थे। यह विधेयक स्कॉटुश सांसद मोनिका लेनन द्वारा पेश किया गया था। गौरतलब है कि यह 2016 से इसे फ्री करने के लिए कैंपेन चला रही हैं। इस कैंपेन के बाद पूरे देश में सहमति बनी। मोनिका लेनन ने दि गार्डियन को बताया कि यह स्कॉटलैंड के लिए गर्व का दिन है। 

लेनन ने कहा, यह उन महिलाओं के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाएगी जिन्हें पीरियड्स होते हैं। स्थानीय प्रशाशन और सामुदायिक स्तर पर बदलाव आया है और सभी को पीरियड में सम्मान मिल सकेगा। अब पीरियड्स के बारे में बात करने में बड़ा परिवर्तन आया है। कुछ साल पहले तक होलीरुड चेंबर में पीरियड्स के बारे में बिलकुल बात नहीं होती थी और अब यह मुख्यधारा में है। 

चैरिटीज के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के बाद पीर्यड गरीबी में बहुत इजाफा हुआ है। इस स्कीम की एक साल की सालाना कीमत 8.7 मिलियन यूरो आएगी। लेनन ने कहा कि पूरी दुनिया की नजर इस समय स्कॉटलैंड पर है। एक वैश्विक महामारी के बीच यह बहुत जरूरी संदेश है कि महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को राजनीतिक मुद्दा बनाया जा सकता है।