Jansatta : Jun 19, 2020, 01:38 PM
Indo-China: भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन ने एलएसी से सटे कई इलाकों में तो अब टेंट के साथ बुलडोजर और बख्तरबंद गाड़ियां भी तैनात कर ली हैं। चीन के इस आक्रामक रवैये के खिलाफ भारत सरकार जल्द ही आर्थिक स्तर पर कुछ नीतिगत फैसले ले सकती है। हालांकि, इससे पहले ही देश में व्यापारी और आम लोगों के एक धड़े ने चीनी उत्पादों के बायकॉट का आह्वान किया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अफसरों के एक धड़े भी अब चीन के खिलाफ आवाज उठाई है।कुछ सीनियर आईएएस अफसरों ने सोशल मीडिया के जरिए चीनी उत्पादों के बायकॉट की मांग की है। इनमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव और वरिष्ठ आईएएस अफसर चेतन सांघी भी शामिल हैं। सांघी ने ट्वीट किया है कि उनका अगला फोन अब ‘मेड इन इंडिया’ होगा। सांघी ने अपने ट्वीट के साथ एक फोटो भी पोस्ट की है, जिसमें ‘रिमूव चाइना ऐप’ का एक स्क्रीनशॉट है। चेतन ने इसके जरिए बताया है कि उन्होंने अपने फोन से सभी चीनी ऐप हटा दी हैं।खास बात यह है कि सांघी के साथ ही अंडमान-निकोबार में उनकी जूनियर अफसर अंजली सहरावत ने ट्विटर पर लिखा, “पहले से खरीदे हुए चीनी सामान को फेंकने से चीन की अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन नए उत्पाद न खरीदने से जरूर पड़ेगा।” दरअसल, एक यूजर ने उनके रेडमी फोन से खींची गई एक तस्वीर का हवाला देते हुए उनसे चीनी उत्पादों के बहिष्कार पर सवाल पूछा था। सहरावत ने इसी के जवाब में ट्वीट किया।इसके अलावा 2013 बैच के आईएएस अफसर राजेंद्र भरूद जो कि फिलहाल महाराष्ट्र में कलेक्टर पद पर तैनात हैं ने भी लोगों से चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की। उन्होंने ट्विटर पर कहा, “हम सीमा पर भारत की जमीन सुरक्षित करने के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले बहादुर अफसरों-जवानों को सलाम करते हैं। उनके परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं। चीन को इस बारे में सख्त संदेश भेजने की जरूरत है। चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया जाना चाहिए।”इसके अलावा आईएएस अफसर अदिति गर्ग ने भी चीनी उत्पादों के बहिष्कार की बात कही। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “बायकॉट का मतलब है कि किसी चीज को खरीदने से पहले ही उसे लेने से इनकार करना। और न कि किसी विदेशी महंगी चीज को तोड़ना। #BoycottChineseProducts”