अमरोहा कांड / गांव के लोगों को शबनम नाम से हो गई नफरत, परिवार के सात लोगों को उतारा था मौत के घाट

15 अप्रैल 2008 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बवानीखेड़ी गाँव में ऐसी घटना घटी कि लोग शबनम नाम से नफरत करने लगे और उस दिन से आज तक किसी ने भी उसकी लड़की का नाम शबनम नहीं रखा। इसका कारण यह था कि शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी।

Vikrant Shekhawat : Feb 18, 2021, 10:31 AM
UP: 15 अप्रैल 2008 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बवानीखेड़ी गाँव में ऐसी घटना घटी कि लोग शबनम नाम से नफरत करने लगे और उस दिन से आज तक किसी ने भी उसकी लड़की का नाम शबनम नहीं रखा। इसका कारण यह था कि शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी।

दरअसल, शबनम नाम की महिला को सात हत्याओं के लिए फांसी दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के बाद, राष्ट्रपति भवन से उनकी दया याचिका भी खारिज कर दी गई है। आठवीं पास, प्रेमी के साथ प्यार में पागल इस महिला ने अपने माता-पिता, भाई-बहन सहित 7 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। शबनम के माता-पिता उसके प्रेमी से शादी करने के लिए तैयार नहीं थे। बस इसके बाद, शबनम और उसके प्रेमी ने इस खूनी साजिश को अंजाम देने का फैसला किया।

यह मामला 2008 का है। उत्तर प्रदेश के अमरोहा के बावनखेड़ी गांव में शिक्षक शौकत अली पत्नी हाशमी, बेटे अनीस, राशिद, बहू अंजुम और इकलौती बेटी शबनम के साथ रहते थे। पिता ने एकमात्र बेटी को बड़े लाड़ प्यार से पाला और उसे एक बेहतर शिक्षा दी, जिसके कारण शबनम ने एक शिक्षक के रूप में नौकरी की।

इस बीच, शबनम को गांव के आठवें के पास युवक सलीम से प्यार हो गया और दोनों शादी करना चाहते थे। लेकिन विभिन्न जातियों के मुस्लिम होने के कारण, शबनम के घरवाले दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं थे, जहाँ शबनम सैफी थी और सलीम पठान बिरादरी के थे।

जिस दिन शबनम परिवार की मर्जी के खिलाफ आई, उसने अपने प्रेमी से मिलने के लिए घर पर फोन करना शुरू कर दिया, जिसका परिवार ने विरोध किया। शबनम ने चुपके से अपने घर के लोगों को नींद की गोलियां देनी शुरू कर दीं ताकि अपने प्रेमी से मिलने में बाधा न बने। 14 अप्रैल 2008 की रात को, शबनम ने अपने प्रेमी से मिलने के लिए परिवार के सदस्यों को नींद की गोलियां दीं।

वहीं, शबनम ने अपने प्रेमी सलीम से परिवार के विवाह में बाधा बनने की शिकायत की और उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश रची। पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशी, भाभी अंजुम, और बहन राबिया, जो रात में नशे की हालत में सो रही थीं, को एक-एक करके कुल्हाड़ी से काट डाला।

सलीम घटना को अंजाम देकर फरार हो गया लेकिन शबनम घर में रही और भोर में रोने का नाटक करते हुए ग्रामीणों को बताया कि बदमाशों ने आकर उसके पूरे परिवार को मार डाला है। जब लोग उनके घर पहुंचे, तो दो मंजिला मकान के तीन कमरों में सिर्फ खून था और शव बिस्तर पर पड़े थे।

इस हत्याकांड के कारण बावनखेड़ी गाँव देश में कई महीनों तक सुर्खियों में रहा और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने भी वहाँ का दौरा किया। हालांकि, शबनम की शुरुआत में दिए गए बयान के बाद ही पुलिस को उस पर शक हुआ। मोबाइल कॉल रिकॉर्ड ने शबनम को खोल दिया और जब सख्ती से पूछताछ की गई, तो वह टूट गई और भयानक साजिश का खुलासा किया। बता दें कि ट्रायल के दौरान शबनम ने जेल में ही सलीम के बच्चे को जन्म दिया।